बीरो जी घर आया है
बीरो जी घर आया है,
बीरो जी घर आया है,
लाल चुनरिया म्हाने उढ़ा के,
म्हारो मान बढ़ाया है,
बीरो जी घर आया है,
बीरो जी घर आया है।
बिरोजी देखो भात मोकलो लाया,
भतीजा भावज ने संग लाया,
नानी बाई के मायरे जैसी,
म्हाने चुनरी ओढाया है,
बीरो जी घर आया है,
मोरू बाई पांवणा (बीरो बणजारो रे) सोंग बीरो जी म्हारो जैसो कुंवर कन्हाई,
रानी रुकमनी सी भोजाई,
सांवल शाह बण आयो बीरो,
कुल को लाज बचायो है,
बीरो जी घर आया है,
बीरो जी घर आया है।
पिहरिये की चुनडी से सूं प्यारी,
प्यारे बिराजी पे जाऊं मैं वारि,
गले लगाया बहनां ने आकर,
अपनों फर्ज निभाया है,
बीरो जी घर आया है,
बीरो जी घर आया है।
या बहना सारा नेग चुकाई,
भाई भोजाई पे करे लूण राई,
सारी दुनियाँ सूं प्यारो बीरो,
दोनों का दिल भर आया है,
बीरो जी घर आया है,
बीरो जी घर आया है।
बीरो जी घर आया है,
बीरो जी घर आया है,
लाल चुनरिया म्हाने उढ़ा के,
म्हारो मान बढ़ाया है,
बीरो जी घर आया है,
बीरो जी घर आया है।