सालासर में जिसका, आना जाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया।
जा के दरबार में, जो शीश झुकाते हैं, बालाजी दयालू उन्हें, गले से लगाते हैं, जिसका मेरे बाबा से, याराना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया।
प्यार का ख़जाना, बालाजी का भरपूर है, प्रेम को लुटाने में, ये बड़े मशहूर हैं, जो भी इनसे जाना, पहचाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया।
बाबा के दीवाने की तो, बात निराली है, बाबा की कृपा से, मोहन मुरली की दीवानी है, जिनका उनके चरणों में, ठिकाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया।
सालासर में जिसका, आना जाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया, वो ही मेरी बाबा का, दीवाना हो गया।