वो सात फेरे भुला ना देना
वो सात फेरे भुला ना देना
निभाना अपने दिए वचन को,वो सात फेरे भुला ना देना,
रचाएं मेहंदी तुम्हारी दुल्हन,
ऐ चाँद हमको दगा ना देना।
धरम करम हो या कोई तीरथ,
कहीं भी जाना बना के साथी,
दिया है कन्या का दान जिसनें,
कभी दिल उनका दुखा ना देना,
निभाना अपने दिए वचन को,
वो सात फेरे भुला ना देना,
रचाएं मेहंदी तुम्हारी दुल्हन,
ऐ चाँद हमको दगा ना देना।
मैं माँगती हूँ, ज़रा सी चाहत,
जो ख़त्म ना हो, मरते दम तक,
उठाना घर की ज़िम्मेदारी,
नशे में दामन छुड़ा ना लेना,
निभाना अपने दिए वचन को,
वो सात फेरे भुला ना देना,
रचाएं मेहंदी तुम्हारी दुल्हन,
ऐ चाँद हमको दगा ना देना।
हमें बताना दिल की बातें,
हमें भी हक़ देना जिंदगी में,
जो आँख छलकें महफ़िलो में,
कहीं हँसी में उड़ा ना देना,
निभाना अपने दिए वचन को,
वो सात फेरे भुला ना देना,
रचाएं मेहंदी तुम्हारी दुल्हन,
ऐ चाँद हमको दगा ना देना।
ये माथे कुमकुम ये हाथ चूड़ी,
ये माँग सिन्दूर, तेरे दम से,
नजर में अपनी हमें ही रखना,
किसी से नजरें मिला ना लेना,
निभाना अपने दिए वचन को,
वो सात फेरे भुला ना देना,
रचाएं मेहंदी तुम्हारी दुल्हन,
ऐ चाँद हमको दगा ना देना।
जो ख़त्म ना हो, मरते दम तक,
उठाना घर की ज़िम्मेदारी,
नशे में दामन छुड़ा ना लेना,
निभाना अपने दिए वचन को,
वो सात फेरे भुला ना देना,
रचाएं मेहंदी तुम्हारी दुल्हन,
ऐ चाँद हमको दगा ना देना।
हमें बताना दिल की बातें,
हमें भी हक़ देना जिंदगी में,
जो आँख छलकें महफ़िलो में,
कहीं हँसी में उड़ा ना देना,
निभाना अपने दिए वचन को,
वो सात फेरे भुला ना देना,
रचाएं मेहंदी तुम्हारी दुल्हन,
ऐ चाँद हमको दगा ना देना।
ये माथे कुमकुम ये हाथ चूड़ी,
ये माँग सिन्दूर, तेरे दम से,
नजर में अपनी हमें ही रखना,
किसी से नजरें मिला ना लेना,
निभाना अपने दिए वचन को,
वो सात फेरे भुला ना देना,
रचाएं मेहंदी तुम्हारी दुल्हन,
ऐ चाँद हमको दगा ना देना।
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