काहे गरजे गरज डरावे बिन बात के आँख दिखावे लिरिक्स Kahe Garaje Garaj Darave Lyrics
काहे गरजे गरज डरावे बिन बात के आँख दिखावे लिरिक्स Kahe Garaje Garaj Darave Lyrics, Hanuman Bhajan by Lakhbir Singh Lakkha
काहे गरजे गरज डरावे,काहे गरजे गरज डरावे,
बिन बात के आँख दिखावे,
बिन बात के आँख दिखावै,
काहे गरजे गरज डरावे,
बिन बात के आंख दिखावे,
जाने भी दे, जाने दे
उस पार, ओ सागर
मैं रामदूत हनूमाना,
मैं राम दूत हनुमाना,
मुझको गढ़ लंका है जाना,
माता सिया की पाने खबर सार,
ओ सागर, जाने भी दे, जाने दे,
उस पार ओ सागर,
काहे गरजे गरज डरावे।
रावण दुराचारी मात का,
ले गया करके हरण,
और दंड देना चाहिये,
जो ऐसा करें आचरण,
वह भी अपराधी है,
ऐसे आदमी को जो दे शरण,
वह भी अपराधी है
ऐसे आदमी को जो दे शरण,
चिंता में है राम रघुनंदन,
चिंता में है नाम रघुनंदन,
दुखों से घिरे दुख भंजन,
ऐसे में मुझसे,
ना कर तकरार सागर,
जाने दे जाने दे,
उस पार ओ सागर,
काहे गरजे गरज डरावे।
हे पूज्य आप विद्वान,
ब्राह्मण को बड़प्पन चाहिए,
श्री राम की सेवा में,
थोड़ा हाथ आप बटाइए,
दीजिए मुझे रास्ता,
कुछ रास्ता बतलाइए,
दीजिए मुझे रास्ता,
कुछ रास्ता बतलाइए,
अगर तू जिद पे अपनी अड़ेगा,
अगर तू जिद पे अपनी अड़ेगा,
फिर कुछ मुझको करना पड़ेगा,
जैसे चाहोगे वैसे मैं तैयार हूं
ओ सागर, जाने दे जाने दे,
उस पार ओ सागर,
काहे गरजे गरज डरावे।
राम जी के काज हित,
मैं तो कुछ भी कर जाऊँगा,
अंजुली में भर तुझे,
एक घूंट में पी जाऊँगा,
अंजनी का लाल हूं,
नहीं दूध को लजाऊंगा,
ओ ‘लक्खा’ मान ले विनती मेरी,
औ लक्खा मान ले विनती मेरी,
मुझको बहुत हो रही देरी,
करदे सरल इतना सा,
उपकार सागर,
जाने दे जाने दे,
उस पार ओ सागर,
काहे गरजे गरज डरावे।
भजन श्रेणी : हनुमान भजन (Hanuman Bhajan)