मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये

मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये

मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
मेरे श्याम मुझे तू ही नज़र आये,
अब छोड़ के खाटू धाम तेरी प्रेमी किधर जाए,
मेरे श्याम तेरी प्रेमी किधर जाए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
मेरे श्याम मुझे तू ही नज़र आये।

गैरों ने ठुकराया अपने भी बदल गए हैं,
हम साथ चले जिनके वो दूर निकल गए हैं,
श्याम तेरे रेहम पर हूँ तू बख्शे या ठुकराए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
श्याम, मुझे तू ही नज़र आए।

माना के मैं पापी हूँ तुझे खबर गुनाहों की,
बस इतनी सज़ा देना मुझे मेरी खताओं की,
तेरे दर पे हो सर मेरा और स्वांस निकल जाए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
श्याम, मुझे तू ही नज़र आए।

हम श्याम प्रेमियों की क्या खूब तमन्ना है,
तेरे नाम पे जीना है तेरे नाम पे मरना है,
मरना तो है वो तेरी चौखट पे जो मर जाए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
श्याम, मुझे तू ही नज़र आए।

हारे के सहारे हो तुम श्याम हमारे हो,
आ जाएँ जो खाटू धाम वारे फिर न्यारे हो,
तेरी नज़रें करम हो तो गुरदास भी तर जाए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
श्याम, मुझे तू ही नज़र आए।

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)

Mujhe Tu Hi Nazar Aaye | मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये | Khatu Shyam Bhajan| by Deepak Baba

Munh Pher Jidhar Dekhu Mujhe Tu Hi Nazar Aaye,
Mere Shyaam Mujhe Tu Hi Nazar Aaye,
Ab Chhod Ke Khaatu Dhaam Teri Premi Kidhar Jae,
Mere Shyaam Teri Premi Kidhar Jae,
Munh Pher Jidhar Dekhu Mujhe Tu Hi Nazar Aaye,
Mere Shyaam Mujhe Tu Hi Nazar Aaye.

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