हमारो माधव मदन मुरारी, हमारो माधव मदन मुरारी, कुन्ज गलिन में रास रचावे, गोवर्धन गिरधारी, हमारो माधव मदन मुरारी, हमारो माधव मदन मुरारी।
लूट लूट दधी माखन खावे, ग्वाल वाल संग गाय चरावे, कभी कदम पर बैठ कन्हैया, बंशी पर धुन मधुर बजाबे, तीन लोक सब सुध बुध बिसरे, सुनकर तान तुम्हारी, हमारो माधव मदन मुरारी, हमारो माधव मदन मुरारी। कुञ्ज गलिन में रास रचावे, ग्वाल सखा संग गाय रचावे,
हमारो माधव मदन मुरारी, हमारो माधव मदन मुरारी।
रास रचावे कभी मधुवन में, गेंद उछालत ग्वाल सखन में, कभी कालिया मर्दन करता, कभी उंगली गोवर्धन धरता, कभी पूतना को संघारे कभी बजावत सारी, हमारो माधव मदन मुरारी, हमारो माधव मदन मुरारी।
पनघट पर कभी मटकी फोड़े, कभी अभिमान कंस का तोड़े, कभी अर्जुन के रथ को हाँके, कभी बिदुर घर भोग लगावे, कभी गीता का ज्ञान सुनाता,
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
राजेन्द्र कृष्ण मुरारी, हमारो माधव मदन मुरारी, हमारो माधव मदन मुरारी।