जोगी बण ने आया ओ संता, जोगी बण ने आया, पाँचों नाग पकड़ घर लाया, शहरियां में खेल रचाया, रे संतों, जोगी बण ने आया।
सतगुरां री संगत कीदी, खिलण मन्त्र सिखाया, पाँचों नाग पकड़ घर लाया, अड़ा उड़द में साँची साधना, नागण नजरे लाया, रे संता, रे संतों, जोगी बण ने आया। पाँचों नाग पकड़ घर लाया, शहरिया में खेल रचाया, रे संतों, जोगी बण ने आया।
बंकनाळ होय किदा पियोणा, गगन मंडल घरणाया, गगन मण्डल में बाजा बाजै, मुख बिन मुरली बजाया, ओ संता जोगी बण ने आया, पाँचों नाग पकड़ घर लाया, शहरिया में खेल रचाया, रे संतों, जोगी बण ने आया।
नाभि कमल में नागण सूती, उणको आन जगाया। पाँचों ने मार पच्चीस वस कीदा, एकण राय हलाया, ओ संता जोगी बण ने आया, पाँचों नाग पकड़ घर लाया, शहरिया में खेल रचाया, रे संतों, जोगी बण ने आया।
बाजी मुरली हुई आवाजा, सुर नर जोवण आया, कहे हेमनाथ सुणो भाई संता, महरम विरले पाया, ओ संता जोगी बण ने आया, पाँचों नाग पकड़ घर लाया, शहरिया में खेल रचाया, रे संतों, जोगी बण ने आया।