ओ संता जोगी बण ने आया, पाँचों नाग पकड़ घर लाया, शहरिया में खेल रचाया, रे संतों, जोगी बण ने आया।
नाभि कमल में नागण सूती, उणको आन जगाया। पाँचों ने मार पच्चीस वस कीदा, एकण राय हलाया, ओ संता जोगी बण ने आया,
पाँचों नाग पकड़ घर लाया, शहरिया में खेल रचाया, रे संतों, जोगी बण ने आया।
बाजी मुरली हुई आवाजा, सुर नर जोवण आया, कहे हेमनाथ सुणो भाई संता, महरम विरले पाया, ओ संता जोगी बण ने आया, पाँचों नाग पकड़ घर लाया, शहरिया में खेल रचाया, रे संतों, जोगी बण ने आया।