कंचन काँच का बणिया रे हनुमान

कंचन काँच का बणिया रे हनुमान

ऊंची पेड़ी म्हारी मात की,
म्हासे चढ्यो ना उतरियो जाय,
कहिजो मारी मात से,
हाथ पकड़ ले जाय।
माँ बच्चे का पेट देखती है,
कुछ खाया की नहीं खाया,
पत्नी पति की जेब देखती है,
कुछ लाया की नहीं लाया,
धनी को धनवान मिलते हैं,
बली को बलवान मिलते हैं,
जिसका इस संसार में कोई नहीं होता,
उसको भगवान मिलते हैं।
कंचन काँच का बणिया रे हनुमान,
चांदी की म्हारी चौथ माता।
कंचन काँच का बणिया रे हनुमान,
चाँदी की म्हारी चौथ माता।

म्हारा ससुराजी धोके छै हनुमान,
सासुजी म्हारी चौथ माता।
कंचन कांच का बणिया रे हनुमान,
चाँदी की म्हारी चौथ माता।

म्हारा जेठ जी धोके छै हनुमान,
जेठाणी म्हारी चौथ माता।
कंचन कांच का बणिया रे हनुमान,
चाँदी की म्हारी चौथ माता।

कामखेड़ा में पुजाया हनुमान,
बरवाड़े म्हारी चौथ माता,
कंचन कांच का बणिया रे हनुमान,
चाँदी की म्हारी चौथ माता।

म्हारा काका जी धोके छै हनुमान,
काकीजी म्हारी चौथ माता।
कंचन कांच का बणिया रे हनुमान,
चाँदी की म्हारी चौथ माता।

कंचन काँच का बणिया रे हनुमान,
चांदी की म्हारी चौथ माता।
कंचन काँच का बणिया रे हनुमान,
चाँदी की म्हारी चौथ माता।

भजन श्रेणी : हनुमान भजन (Hanuman Bhajan)

सिंगर- सुखदेव भारती "कंचन काँच का बनिया रे हनुमान " 8239350580

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