अगर तुम्हारा खाटू में दरबार नहीं होता

अगर तुम्हारा खाटू में दरबार नहीं होता

अगर तुम्हारा खाटू में दरबार नहीं होता,
तो बेड़ा ग़रीबों का कभी पार नहीं होता।
तो बेड़ा ग़रीबों का कभी पार नहीं होता।।

सारी दुनिया से मैं तो हार गया,
रोते-रोते तेरे दरबार गया,
लगाया गले, मुझे सहारा दिया,
डूबती नैया को किनारा दिया,
अगर बचाने वाला मेरा सरकार नहीं होता,
तो बेड़ा ग़रीबों का कभी पार नहीं होता।।

अंधेरे बादल ग़म के छाए थे,
कोई ना अपना, सभी पराए थे,
थाम के हाथ मेरा साथ दिया,
जीवन में खुशियों की सौगात दिया,
अगर तेरी नज़रों में मेरा परिवार नहीं होता,
तो बेड़ा ग़रीबों का कभी पार नहीं होता।।

खाटू वाले, तुझसा कोई और नहीं,
सारी दुनिया में मची है शोर यही,
कलयुग अवतारी, हारे का साथी,
थाम ले निज हाथों से डोर मेरी,
अगर हमेशा तू लीले असवार नहीं होता,
तो बेड़ा ग़रीबों का कभी पार नहीं होता।।

अगर तुम्हारा खाटू में दरबार नहीं होता,
तो बेड़ा ग़रीबों का कभी पार नहीं होता,
तो बेड़ा ग़रीबों का कभी पार नहीं होता।।


अगर इस भजन को सुन लिया तो समझो बेड़ा पार है || Khatu Shyam Bhajan || Saurabh Madhukar

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Khatu Shyam Bhajan : Agar Tumhara Khatu Mein Darbaar Nahi Hota..
Singer : Saurabh-Madhukar
Music Label : Sur Saurabh Industries.
Contact for Enquiries SM Team: 900-666-6665 | 74-500-55555
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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