मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की, चाहे दिन ओढ़ूँ चाहे रात, मैं प्यारी भगवान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की।
मेरा ससुरा कहे है, बहु ओढ़ ले, मेरी सासू लड़े दिन रात, मैं प्यारी भगवान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की। चाहे दिन ओढ़ूँ चाहे रात, मैं प्यारी भगवान की।
मेरा जेठ कहवे है, बहु ओढ़ ले, मेरी जेठानी चढ़ावे होंठ, मैं प्यारी भगवान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की। चाहे दिन ओढ़ूँ चाहे रात, मैं प्यारी भगवान की।
मेरा पति कहवे है, रे गौरी ओढ़ ले, चाहे जल जल मरे संसार, मैं प्यारी भगवान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की। चाहे दिन ओढ़ूँ चाहे रात, मैं प्यारी भगवान की।
हे मन्ने ज्ञान की चुंदड़ी, ओढ़ ली, मेरा पति देवे है मेरा साथ, मैं प्यारी भगवान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की। चाहे दिन ओढ़ूँ चाहे रात, मैं प्यारी भगवान की।
हम दोनों सतसंगत जा रहे, हम भजन कीर्तन गा रहे, हे बेबे मैं सतसंग में नाँच रही, मेरा पति बजावे खड़ताल, मैं प्यारी भगवान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की। चाहे दिन ओढ़ूँ चाहे रात, मैं प्यारी भगवान की।
मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की, चाहे दिन ओढ़ूँ चाहे रात, मैं प्यारी भगवान की, मेरे सर पे चुंदड़ी ज्ञान की।