नाकोड़ा भैरव नाथ जी की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि नाकोड़ा भैरव नाथ की पूजा करने सभी कोर्ट कचहरी के मामले सुलझ जाते हैं। दुश्मनों से मुक्ति मिलती है। महिमा और ख्याति बढ़ती है। रोग दोष मिट जाते हैं। धनसंपदा की प्राप्ति होती है। व्यापार में लाभ प्राप्त होता है।
॥ दोहा ॥ पाश्वर्नाथ भगवान की, मूरत चित बसाए ॥ भैरव चालीसा लखू, गाता मन हरसाए ॥ ।। चौपाई ।। नाकोडा भैरव सुखकारी, गुण गाये ये दुनिया सारी ॥ भैरव की महिमा अति भारी, भैरव नाम जपे नर नारी ॥
जिनवर के हैं आज्ञाकारी, श्रद्धा रखते समकित धारी ॥ प्रातः उठ जो भैरव ध्याता, ऋद्धि सिद्धि सब संपत्ति पाता ॥ भैरव नाम जपे जो कोई, उस घर में निज मंगल होई ॥ नाकोडा लाखों नर आवे, श्रद्धा से परसाद चढावे ॥ भैरव भैरव आन पुकारे, भक्तों के सब कष्ट निवारे ॥ भैरव दर्शन शक्ति शाली, दर से कोई न जावे खाली ॥ जो नर नित उठ तुमको ध्यावे, भूत पास आने नहीं पावे ॥ डाकण छूमंतर हो जावे, दुष्ट देव आडे नहीं आवे ॥ मारवाड की दिव्य मणि हैं, हम सब के तो आप धणी हैं ॥ कल्पतरु है परतिख भैरव, इच्छित देता सबको भैरव ॥ आधि व्याधि सब दोष मिटावे, सुमिरत भैरव शान्ति पावे ॥ बाहर परदेशे जावे नर, नाम मंत्र भैरव का लेकर ॥ चोघडिया दूषण मिट जावे, काल राहु सब नाठा जावे ॥
Chalisa Lyrics in Hindi
परदेशा में नाम कमावे, धन बोरा में भरकर लावे ॥ तन में साता मन में साता, जो भैरव को नित्य मनाता ॥ मोटा डूंगर रा रहवासी, अर्ज सुणन्ता दौड्या आसी ॥ जो नर भक्ति से गुण गासी, पावें नव रत्नों की राशि ॥ श्रद्धा से जो शीष झुकावे, भैरव अमृत रस बरसावे ॥ मिल जुल सब नर फेरे माला, दौड्या आवे बादल – काला ॥ वर्षा री झडिया बरसावे, धरती माँ री प्यास बुझावे ॥ अन्न – संपदा भर भर पावे, चारों ओर सुकाल बनावे ॥ भैरव है सच्चा रखवाला, दुश्मन मित्र बनाने वाला ॥ देश देश में भैरव गाजे, खूटँ खूटँ में डंका बाजे ॥ हो नहीं अपना जिनके कोई, भैरव सहायक उनके होई ॥ नाभि केन्द्र से तुम्हें बुलावे, भैरव झट पट दौडे आवे ॥ भूख्या नर की भूख मिटावे, प्यासे नर को नीर पिलावे ॥
इधर उधर अब नहीं भटकना, भैरव के नित पाँव पकडना ॥ इच्छित संपदा आप मिलेगी, सुख की कलियाँ नित्य खिलेंगी ॥ भैरव गण खरतर के देवा, सेवा से पाते नर मेवा ॥ कीर्तिरत्न की आज्ञा पाते, हुक्म हाजिरी सदा बजाते ॥ ऊँ ह्रीं भैरव बं बं भैरव, कष्ट निवारक भोला भैरव ॥ नैन मूँद धुन रात लगावे, सपने में वो दर्शन पावे ॥ प्रश्नों के उत्तर झट मिलते, रस्ते के संकट सब मिटते ॥ नाकोडा भैरव नित ध्यावो, संकट मेटो मंगल पावो ॥ भैरव जपन्ता मालम माला, बुझ जाती दुःखों की ज्वाला ॥ नित उठे जो चालीसा गावे, धन सुत से घर स्वर्ग बनावे ॥ ॥ दोहा ॥ भैरु चालीसा पढे, मन में श्रद्धा धार । कष्ट कटे महिमा बढे, संपदा होत अपार ॥ जिन कान्ति गुरुराज के,शिष्य मणिप्रभ राय । भैरव के सानिध्य में,ये चालीसा गाय ॥ ॥ श्री भैरवाय शरणम् ॥
नाकोड़ा भैरव नाथ का चालीसा पाठ करने के फायदे/लाभ
नाकोड़ा भैरव नाथ चालीसा का पाठ करने से जीवन में सभी समस्याओं का निराकरण हो जाता है।
भूत, प्रेत, रोग, दोष और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
नाकोड़ा भैरव नाथ चालीसा का पाठ करने से शक्ति का संचार होता है।
नाकोड़ा भैरव चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है।
नाकोड़ा भैरव नाथ चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार की समस्याओं का निराकरण हो जाता है। नाकोड़ा भैरवनाथ चालीसा का पाठ करने से व्यापार में उन्नति होती है।
नाकोड़ा भैरव नाथ चालीसा का पाठ करने से शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या की दशा में भी राहत मिलती है।
नाकोड़ा भैरव नाथ चालीसा का पाठ करने से शनिदेव के प्रकोप का सामना नहीं करना पड़ता है।
नाकोड़ा भैरव नाथ चालीसा का पाठ करने से राहु और केतु की दशा का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
नाकोड़ा भैरव नाथ चालीसा का पाठ करने से सभी ग्रहों की प्रतिकूल परिस्थितियां अनुकूल परिस्थितियों में बदल जाती हैं।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
व्यक्ति में हिम्मत और उत्साह का संचार होता है। व्यक्ति को सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।