संतोषी माता आरती लिरिक्स Santoshi Mata Aarti Lyrics, Mata Rani Aarti by Singer: Sanjeevani Bhelande
ॐ जय संतोषी माता,
मैया जय संतोषी माता,
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पत्ति दाता,
ॐ जय संतोषी माता,
(ॐ जय संतोषी माता,
मैया जय संतोषी माता,
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पत्ति दाता,
ॐ जय संतोषी माता,
ओम जय संतोषी माता )
सुंदर चीर सुनहरी,
माँ धारण कीन्हों,
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार कीन्हों
ॐ जय संतोषी माता।
गेरू लाल छटा छवि,
बदन कमल सोहे,
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन मन मोहे,
ॐ जय संतोषी माता।
स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर ढुरे प्यारे,
धूप, दीप, मधु मेवा,
भोग धरे न्यारे,
ॐ जय संतोषी माता।
गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो,
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो,
ॐ जय संतोषी माता।
शुक्रवार प्रिया मानत,
आज दिवस सोही,
भक्ति मंडली छाई,
कथा सुनत मोही,
ॐ जय संतोषी माता।
मंदिर जगमग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई,
विनय करें हम सेवक,
चरणन सिर नाई,
ॐ जय संतोषी माता।
भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै,
जो मन बसै हमारे,
इच्छा फल दीजै,
ॐ जय संतोषी माता।
दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किये,
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए,
ॐ जय संतोषी माता।
ॐ जय संतोषी माता,
मैया जय संतोषी माता,
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पत्ति दाता,
ॐ जय संतोषी माता।
संतोषी माता की आरती Santoshi Mata Ki Aarti.
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।।
जय संतोषी माता....
सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो।
हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो ।।
जय संतोषी माता...
गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे।
मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे ।।
जय संतोषी माता....
स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे।
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे।।
जय संतोषी माता....
गुड़ अरु चना परम प्रिय ता में संतोष कियो।
संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो।।
जय संतोषी माता....
शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही।
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही।।
जय संतोषी माता....
मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई।
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई।।
जय संतोषी माता....
भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै।।
जय संतोषी माता....
दुखी दारिद्री रोगी संकट मुक्त किए।
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिए।।
जय संतोषी माता....
ध्यान धरे जो तेरा वांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो।।
जय संतोषी माता....
चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे।।
जय संतोषी माता....
सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे।।
जय संतोषी माता....
माँ धारण कीन्हों,
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार कीन्हों
ॐ जय संतोषी माता।
गेरू लाल छटा छवि,
बदन कमल सोहे,
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन मन मोहे,
ॐ जय संतोषी माता।
स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर ढुरे प्यारे,
धूप, दीप, मधु मेवा,
भोग धरे न्यारे,
ॐ जय संतोषी माता।
गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो,
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो,
ॐ जय संतोषी माता।
शुक्रवार प्रिया मानत,
आज दिवस सोही,
भक्ति मंडली छाई,
कथा सुनत मोही,
ॐ जय संतोषी माता।
मंदिर जगमग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई,
विनय करें हम सेवक,
चरणन सिर नाई,
ॐ जय संतोषी माता।
भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै,
जो मन बसै हमारे,
इच्छा फल दीजै,
ॐ जय संतोषी माता।
दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किये,
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए,
ॐ जय संतोषी माता।
ॐ जय संतोषी माता,
मैया जय संतोषी माता,
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पत्ति दाता,
ॐ जय संतोषी माता।
संतोषी माता की आरती Santoshi Mata Ki Aarti.
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।।
जय संतोषी माता....
सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो।
हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो ।।
जय संतोषी माता...
गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे।
मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे ।।
जय संतोषी माता....
स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे।
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे।।
जय संतोषी माता....
गुड़ अरु चना परम प्रिय ता में संतोष कियो।
संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो।।
जय संतोषी माता....
शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही।
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही।।
जय संतोषी माता....
मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई।
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई।।
जय संतोषी माता....
भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै।।
जय संतोषी माता....
दुखी दारिद्री रोगी संकट मुक्त किए।
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिए।।
जय संतोषी माता....
ध्यान धरे जो तेरा वांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो।।
जय संतोषी माता....
चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे।।
जय संतोषी माता....
सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे।।
जय संतोषी माता....
भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)
संतोषी माता आरती लिरिक्स Santoshi Mata Aarti Lyrics
Om Jay Santoshi Maata,Maiya Jay Santoshi Maata,
Apane Sevak Jan Ki,
Sukh Sampatti Daata,
Om Jay Santoshi Maata,
(Om Jay Santoshi Maata,
Maiya Jay Santoshi Maata,
Apane Sevak Jan Ki,
Sukh Sampatti Daata,
Om Jay Santoshi Maata,
Om Jay Santoshi Maata )
Sundar Chir Sunahari,
Maan Dhaaran Kinhon,
Hira Panna Damake,
Tan Shrrngaar Kinhon
Om Jay Santoshi Maata.
Geru Laal Chhata Chhavi,
Badan Kamal Sohe,
Mand Hansat Karunaamayi,
Tribhuvan Man Mohe,
Om Jay Santoshi Maata.
Svarn Sinhaasan Baithi,
Chanvar Dhure Pyaare,
Dhup, Dip, Madhu Meva,
Bhog Dhare Nyaare,
Om Jay Santoshi Maata.
Gud Aru Chana Param Priy,
Taamen Santosh Kiyo,
Santoshi Kahalai,
Bhaktan Vaibhav Diyo,
Om Jay Santoshi Maata.
Shukravaar Priya Maanat,
Aaj Divas Sohi,
Bhakti Mandali Chhai,
Katha Sunat Mohi,
Om Jay Santoshi Maata.
Mandir Jagamag Jyoti,
Mangal Dhvani Chhai,
Vinay Karen Ham Sevak,
Charanan Sir Nai,
Om Jay Santoshi Maata.
Bhakti Bhaavamay Puja,
Angikrt Kijai,
Jo Man Basai Hamaare,
Ichchha Phal Dijai,
Om Jay Santoshi Maata.
Dukhi Daaridri Rogi,
Sankat Mukt Kiye,
Bahu Dhan Dhaany Bhare Ghar,
Sukh Saubhaagy Die,
Om Jay Santoshi Maata.
Om Jay Santoshi Maata,
Maiya Jay Santoshi Maata,
Apane Sevak Jan Ki,
Sukh Sampatti Daata,
Om Jay Santoshi Maata.
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