(मुखड़ा) हे माँ अंबे, हे जगदंबे, तुमको रिझाने आया, माँ, तुमको मनाने आया, माँ, तुमको मनाने आया।।
(अंतरा) पावन तेरा धाम है मैय्या, जग से निराला नाम है मैय्या, पावन तेरे धाम के मैय्या, जग से निराले नाम के मैय्या, दर्शन करने आया, माँ, तुमको मनाने आया, माँ, तुमको रिझाने आया।।
तू जग की रखवाली मैय्या, सबकी पालनहारी मैय्या, संकट हरने वाली मैय्या, बिगड़ी बनाने वाली मैय्या, बिगड़ी बनाने आया, माँ, तुमको रिझाने आया, माँ, तुमको मनाने आया।।
तन, मन, धन माँ, सब कुछ तेरा, तेरा तुझको, क्या है मेरा, दर पे तेरे आशा लेकर, खाली झोली मैय्या लेकर, झोली भरने आया, माँ, तुमको रिझाने आया, माँ, तुमको मनाने आया।।
(पुनरावृति) हे माँ अंबे, हे जगदंबे, तुमको रिझाने आया, माँ, तुमको मनाने आया, माँ, तुमको मनाने आया।।
He Maa Ambe |Devi Jas| By Dinesh Sharma| यह भजन भक्त की माँ अंबे के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। भक्त माँ को रिझाने और मनाने के लिए उनके दरबार में आया है, क्योंकि माँ संकट हरने वाली, बिगड़ी बनाने वाली और सबकी पालनहारी हैं। भक्त अपनी झोली भरने की प्रार्थना करता है और माँ के पावन धाम के दर्शन करने की खुशी व्यक्त करता है।
Song: He Maa Ambe Singer: Dinesh Sharma Lyrics: Dinesh Sharma Music: Sarvojeet Mourya