उठ जाग मुसाफिर भोर भई अब रैन कहा जो सोवत है लिरिक्स Uth Jaag Musafir Bhor Bhai Lyrics

उठ जाग मुसाफिर भोर भई अब रैन कहा जो सोवत है लिरिक्स Uth Jaag Musafir Bhor Bhai Lyrics, Devotional Bhajan by Singer : Rakesh Kala


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उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है,
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जगत है सोई पावत है।

टुक नींद से अखियाँ खोल जरा,
और अपने प्रभु में ध्यान लगा
यह प्रीत कारन की रीत नहीं,
रब जागत है तू सोवत है
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है।

जो कल करना सो आज कर ले,
जो आज करे सो अभी करले
जब चिड़िया ने चुग खेत लिया,
फिर पछताए क्या होवत है
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है।

नादान भुगत अपनी करनी,
ऐ पापी पाप मै चैन कहाँ
जब पाप की गठड़ी शीश धरी,
अब शीष पकड़ क्यों रोवत है,
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है।

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है,
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जगत है सोई पावत है।

भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)



उठ जाग मुसाफिर भोर भई अब रैन कहा जो सोवत है : सत्संगी भजन :Uth Jaag Musafir Bhor Bhai
Uth Jaag Musaaphir Bhor Bhi,
Ab Rain Kahaan Jo Sovat Hai,
Jo Sovat Hai So Khovat Hai,
Jo Jagat Hai Soi Paavat Hai.

Tuk Nind Se Akhiyaan Khol Jara,
Aur Apane Prabhu Mein Dhyaan Laga
Yah Prit Kaaran Ki Rit Nahin,
Rab Jaagat Hai Tu Sovat Hai
Uth Jaag Musaaphir Bhor Bhi,
Ab Rain Kahaan Jo Sovat Hai.

Jo Kal Karana So Aaj Kar Le,
Jo Aaj Kare So Abhi Karale
Jab Chidiya Ne Chug Khet Liya,
Phir Pachhatae Kya Hovat Hai
Uth Jaag Musaaphir Bhor Bhi,
Uth Jaag Musaaphir Bhor Bhi,
Ab Rain Kahaan Jo Sovat Hai.

Naadaan Bhugat Apani Karani,
Ai Paapi Paap Mai Chain Kahaan
Jab Paap Ki Gathadi Shish Dhari,
Ab Shish Pakad Kyon Rovat Hai,
Uth Jaag Musaaphir Bhor Bhi,
Uth Jaag Musaaphir Bhor Bhi,
Ab Rain Kahaan Jo Sovat Hai.

Uth Jaag Musaaphir Bhor Bhi,
Ab Rain Kahaan Jo Sovat Hai,
Jo Sovat Hai So Khovat Hai,
Jo Jagat Hai Soi Paavat Hai.
 
उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो तू सोवत है
जो जागत है सो पावत है, जो सोवत है वो खोवत है
खोल नींद से अँखियाँ जरा और अपने प्रभु से ध्यान लगा
यह प्रीति करन की रीती नहीं प्रभु जागत है तू सोवत है....
उठ ...
जो कल करना है आज करले जो आज करना है अब करले
जब चिडियों ने खेत चुग लिया फिर पछताये क्या होवत है...
उठ ...
नादान भुगत करनी अपनी ऐ पापी पाप में चैन कहाँ
जब पाप की गठरी शीश धरी फिर शीश पकड़ क्यों रोवत है...
उठ ....

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Bhajan Tangs : Song : Uth Jaag Musafir Bhor Bhai Album : Satsangi Kirtan Singer : Rakesh Kala Music : Lovely Sharma Label : Brijwani Cassettes Produced By : Sajal

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