विंधेश्वरी चालीसा लिरिक्स महत्त्व लाभ विधि Vindhyeshwari Chalisa Lyrics

विंधेश्वरी चालीसा लिरिक्स महत्त्व लाभ विधि Vindhyeshwari Chalisa Lyrics

विंधेश्वरी माता आदिशक्ति का ही एक रूप है। इनकी पूजा करने से आत्म शक्ति प्राप्त होती है। शिवजी के तांडव स्त्रोत की तरह ही इनके स्त्रोत का भी उच्चारण किया जाता है। विंधेश्वरी माता को विंध्यवासिनी माता भी कहा जाता है क्योंकि विंध्यांचल पर्वत पर इनका मंदिर है। विंधेश्वरी माता का चालीसा पाठ करने से आत्म शक्ति के साथ ही आत्मविश्वास की भी प्राप्ति होती है। माता विंधेश्वरी बहुत ही कृपालु हैं। इनकी पूजा करने से शीघ्र ही सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न होती हैं।
 

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माँ विन्ध्येश्वरी चालीसा Maa Vindhyeshwari Chalisa
॥ दोहा॥
नमो नमो विन्ध्येश्वरी,
नमो नमो जगदम्ब।
सन्तजनों के काज में
करती नहीं विलम्ब।

॥ चौपाई ॥
जय जय विन्ध्याचल रानी,
आदि शक्ति जग विदित भवानी।
सिंहवाहिनी जय जग माता,
जय जय त्रिभुवन सुखदाता।
कष्ट निवारिणी जय जग देवी,
जय जय असुरासुर सेवी।
महिमा अमित अपार तुम्हारी,
शेष सहस्र मुख वर्णत हारी।
दीनन के दुख हरत भवानी,
नहिं देख्यो तुम सम कोई दानी।
सब कर मनसा पुरवत माता,
महिमा अमित जगत विख्याता।
जो जन ध्यान तुम्हारो लावै,
सो तुरतहिं वांछित फल पावै।
तू ही वैष्णवी तू ही रुद्राणी,
तू ही शारदा अरु ब्रह्माणी।
रमा राधिका श्यामा काली,
तू ही मातु सन्तन प्रतिपाली।
उमा माधवी चण्डी ज्वाला,
बेगि मोहि पर होहु दयाला।
तू ही हिंगलाज महारानी,
तू ही शीतला अरु विज्ञानी।
दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता,
तू ही लक्ष्मी जग सुख दाता।
तू ही जाह्नवी अरु उत्राणी,
हेमावती अम्बे निर्वाणी।
अष्टभुजी वाराहिनी देवी,
करत विष्णु शिव जाकर सेवी।
चौसट्ठी देवी कल्यानी,
गौरी मंगला सब गुण खानी।
पाटन मुम्बा दन्त कुमारी,
भद्रकाली सुन विनय हमारी।
वज्र धारिणी शोक नाशिनी,
आयु रक्षिणी विन्ध्यवासिनी।
जया और विजया वैताली,
मातु संकटी अरु विकराली।
नाम अनन्त तुम्हार भवानी,
बरनै किमि मानुष अज्ञानी।
जापर कृपा मातु तव होई,
तो वह करै चहै मन जोई।
कृपा करहुं मो पर महारानी,
सिद्ध करहु अम्बे मम बानी।
जो नर धरै मातु कर ध्याना,
ताकर सदा होय कल्याना।
विपति ताहि सपनेहु नहिं आवै,
जो देवी का जाप करावै।
जो नर कहं ऋण होय अपारा,
सो नर पाठ करै शतबारा।
निश्चय ऋण मोचन होइ जाई,
जो नर पाठ करै मन लाई।
अस्तुति जो नर पढ़ै पढ़ावै,
या जग में सो अति सुख पावै।
जाको व्याधि सतावे भाई,
जाप करत सब दूर पराई।
जो नर अति बन्दी महँ होई,
बार हजार पाठ कर सोई।
निश्चय बन्दी ते छुटि जाई,
सत्य वचन मम मानहुं भाई।
जा पर जो कछु संकट होई,
निश्चय देविहिं सुमिरै सोई।
जो नर पुत्र होय नहिं भाई,
सो नर या विधि करे उपाई।
पांच वर्ष सो पाठ करावै,
नौरातन में विप्र जिमावै।
निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी,
पुत्र देहिं ता कहं गुण खानी।
ध्वजा नारियल आनि चढ़ावै,
विधि समेत पूजन करवावै।
नित्य प्रति पाठ करै मन लाई,
प्रेम सहित नहिं आन उपाई।
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा,
रंक पढ़त होवे अवनीसा।
यह जनि अचरज मानहुं भाई,
कृपा दृष्टि तापर होइ जाई।
जय जय जय जग मातु भवानी,
कृपा करहुं मोहिं पर जन जानी।
॥ इति श्री विन्ध्येश्वरीचालीसा ॥ 

विंधेश्वरी माता का चालीसा पाठ करने के फायदे/लाभ Vindhyeshwar Chalisa Benefits Hindi

  • विंधेश्वरी माता का चालीसा का पाठ करने से शक्ति का संचार होता है।
  • यह आदिशक्ति का ही एक रूप है, इसलिए इनके पूजा करने से हिम्मत और साहस की प्राप्ति होती है।
  • विंधेश्वरी माता चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • विंधेश्वरी माता अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न होती हैं तथा उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। विंधेश्वरी चालीसा का पाठ करने से घर में सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • व्यक्ति पराक्रमी और साहसी बनता है।
  • विंधेश्वरी चालीसा का पाठ करने से समाज में इज्जत होती है और सम्माननीय पद की प्राप्ति होती है।विंधेश्वरी चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को  बुराइयों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
  • विंधेश्वरी चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार की आर्थिक, सामाजिक, मानसिक और पारिवारिक समस्याओं का निदान होता है।
  • विंधेश्वरी चालीसा का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • विंधेश्वरी चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक विचारों का अंत होता है और सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
  • आदिशक्ति के इस रूप के चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति हर क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त करता है।
  • विंधेश्वरी चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता हासिल करता है।

भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)

Doha
Namo Namo Vindhyeshvari,
Namo Namo Jagadamb.
Santajanon Ke Kaaj Mein
Karati Nahin Vilamb.
Chaupai
Jay Jay Vindhyaachal Raani,
Aadi Shakti Jag Vidit Bhavaani.
Sinhavaahini Jay Jag Maata,
Jay Jay Tribhuvan Sukhadaata.


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