ललिता माता दुर्गा देवी का ही एक रूप है। इनकी पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। ललिता माता की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। ललिता माता शक्ति का ही रूप है इसलिए इनकी पूजा करने से शक्ति का संचार होता है।
ललिता माता की पूजा करते समय ध्यान देने योग्य बातें
ललिता माता की पूजा शाम के समय की जाती है। ललिता माता की पूजा करने करते समय गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें।
मंदिर में गुलाबी रंग का वस्त्र बिछाकर ललिता माता की तस्वीर विराजमान करें।
ललिता माता की पूजा उत्तर दिशा में मुख करके करनी चाहिए।
ललिता माता को चंदन का तिलक लगाएं।
स्वयं भी तिलक लगाएं ललिता माता को गुलाबी रंग के फूल अर्पित करें।
ललिता माता को गुलाल और सुगंधित इत्र चढ़ाएं।
गाय के घी से दीपक और धूप जलाएं।
ललिता माता को खीर का भोग लगाएं।
अब ललिता चालीसा का पाठ करें।
पाठ संपन्न होने पर खीर का प्रसाद किसी सुहागन स्त्री को दें।
जयति जयति जय ललिते माता, तब गुण महिमा है विख्याता। तू सुन्दरि, त्रिपुरेश्वरी देवी, सुर नर मुनि तेरे पद सेवी। तू कल्याणी कष्ट निवारिणी, तू सुख दायिनी, विपदा हारिणी। मोह विनाशिनी दैत्य नाशिनी, भक्त भाविनी ज्योति प्रकाशिनी। आदि शक्ति श्री विद्या रूपा, चक्र स्वामिनी देह अनूपा। हृदय निवासिनी भक्त तारिणी, नाना कष्ट विपति दल हारिणी। दश विद्या है रूप तुम्हारा, श्री चन्द्रेश्वरि। नैमिष प्यारा। धूमा, बगला, भैरवी, तारा, भुवनेश्वरी, कमला, विस्तारा। षोडशी, छिन्नमस्ता, मातंगी,
ललिते शक्ति तुम्हारी संगी। ललिते तुम हो ज्योतित भाला, भक्त जनों को काम संभाला। भारी संकट जब जब आये, उनसे तुमने भक्त बचाये । जिसने कृपा तुम्हारी पाई, उसकी सब विधि से बन आई। संकट दूर करो माँ भारी, भक्तजनों को आस तुम्हारी। त्रिपुरेश्वरी, शैलजा, भवानी, जय जय जय शिव की महारानी। योग सिद्धि पावें सब योगी, भोंगे भोग, महा सुख भोगी। कृपा तुम्हारी पाके माता, जीवन सुखमय है बन जाता। दुखियों को तुमने अपनाया, महामूढ़ जो शरण न आया। तुमने जिसकी ओर निहारा, मिली उसे सम्पत्ति, सुख सारा। आदि शक्ति जय त्रिपुर प्यारी, महाशक्ति जय जय भयहारी। कुल योगिनी, कुण्डलिनी रूपा, लीला ललिते करें अनूपा। महा-महेश्वरी, महा शक्ति दे, त्रिपुर-सुन्दरी सदा भक्ति दे। महा महानन्दे, कल्याणी, मूकों को देती हो वाणी।
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
इच्छा-ज्ञान-क्रिया का भागी, होता तब सेवा अनुरागी। जो ललिते तेरा गुण गावे, उसे न कोई कष्ट सतावे। सर्व मंगले ज्वाला-मालिनी, तुम हो सर्व शक्ति संचालिनी। आया माँ जो शरण तुम्हारी, विपदा हरी उसी की सारी। नामा-कर्षिणी, चित्त कर्षिणी, सर्व मोहिनी सब सुख-वर्षिणी। महिमा तब सब जग विख्याता, तुम हो दयामयी जगमाता। सब सौभाग्य-दायिनी ललिता, तुम हो सुखदा करुणा कलिता। आनन्द, सुख, सम्पति देती हो, कष्ट भयानक हर लेती हो। मन से जो जन तुमको ध्यावे, वह तुरन्त मनवांछित पावे। लक्ष्मी, दुर्गा तुम हो काली, तुम्हीं शारदा चक्र-कपाली। मुलाधार, निवासिनी जय-जय, सहरस्त्रारबामिनी माँ जय-जय। छ: चक्रों को भेदने वाली, करती हो सबकी रखवाली। योगी भोगी क्रोधी कामी, सब हैं सेवक सब अनुगामी। सबको पार लगाती हो माँ,
सब पर दया दिखाती हो माँ। हेमावती, उमा, ब्रह्माणी, भण्डासुर का, हृदय विदारिणी। सर्व विपति हर, सर्वाधारे, तुमने कुटिल कुपंथी तारे। चन्द्र-धारणी, नैमिषवासिनी, कृपा करो ललिते अघनाशिनी। भक्तजनों को दरस दिखाओ, संशय भय सब शीघ्र मिटाओ। जो कोई पढ़े ललिता चालीसा, होवे सुख आनन्द अधीसा। जिस पर कोई संकट आवे पाठ करे संकट मिट जावे। ध्यान लगा पढ़े इक्कीस बारा, पूर्ण मनोरथ होवे सारा। पुत्र हीन सन्तति सुख पावे, निर्धन धनी बने गुण गावे। इस विधि पाठ करे जो कोई, दुःख बन्धन छूटे सुख होई। जितेन्द्र चन्द्र भारतीय बतावें, पढ़े चालीसा तो सुख पावें। सबसे लघु उपाय यह जानो, सिद्ध होय मन में जो ठानों। ललिता करे हृदय में बासा, सिद्धि देत ललिता चालीसा। ललिते माँ अब कृपा करो, सिद्ध करो सब काम। श्रद्धा से सिर नाय कर, करते तुम्हें प्रणाम।।
ललिता चालीसा पाठ के फायदे /लाभ
ललिता चालीसा का पाठ करने से घर में रिद्धि सिद्धि आती है और परेशानियां दूर होती हैं।
ललिता चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति भाग्यशाली होता है।
ललिता चालीसा का पाठ करने से ललिता माता सभी संकटों को दूर कर सुखी जीवन प्रदान करती हैं।
ललिता चालीसा का पाठ करने से समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
ललिता चालीसा का पाठ करने से भाग्य जागृत होता है।
ललिता चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति हर कार्य में सफल होता है।
ललिता चालीसा का पाठ करने से आर्थिक, सामाजिक और परिवारिक समस्याओं का निदान होता है।
व्यक्ति की चिंतन क्षमता बढ़ती है।
जिससे व्यक्ति अपने सफल जीवन के लिए लक्ष्य निर्धारित करता है।
लक्ष्य के प्रति एकाग्रता होने से लक्ष्य की प्राप्ति करता है।
ललिता माता के चालीसा का पाठ करने से समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
ललिता माता के प्रभावशाली मंत्र
ललिता माता के मंत्रों का जाप करने से शक्ति की प्राप्ति होती है। मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जीवन की परेशानियों से लड़ने की हिम्मत आती है। जीवन में आर्थिक और सामाजिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। ललिता माता के इन मंत्रों का जाप 108 बार करना चाहिए। ललिता माता के सामने गाय के घी का दीपक जलाकर इन मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों का जाप करने से शक्ति की प्राप्ति होती है और घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है। 1. ऐं ह्रीं श्रीं ललितायै नमः। 2. ॐ शिवप्रियायै नमः।
श्री ललिता चालीसा - SHREE LALITA CHALISA - Superhit Latest Hindi Devotional Songs
Jayati Jayati Jay Lalite Maata, Tab Gun Mahima Hai Vikhyaata. Tu Sundari, Tripureshvari Devi, Sur Nar Muni Tere Pad Sevi. Tu Kalyaani Kasht Nivaarini, Tu Sukh Daayini, Vipada Haarini. Moh Vinaashini Daity Naashini, Bhakt Bhaavini Jyoti Prakaashini.
ललिता चालीसा एक हिंदू भक्ति गीत है जो देवी ललिता को समर्पित है। यह चालीसा हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय भक्ति गीतों में से एक है, और इसे अक्सर देवी ललिता की पूजा के दौरान गाया जाता है। ललिता चालीसा में, कवि देवी ललिता की महिमा का वर्णन करता है। वह उन्हें एक दयालु और करुणामयी देवी के रूप में चित्रित करता है जो अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। देवी ललिता को "सर्व शक्तिमान" और "सर्वज्ञ" के रूप में चित्रित किया गया है। वह सभी प्रकार के दुखों और कष्टों को दूर करती हैं। वह अपने भक्तों को ज्ञान, धन और समृद्धि प्रदान करती हैं। वह अपने भक्तों को मोक्ष प्रदान करती हैं। ललिता चालीसा एक शक्तिशाली भक्ति गीत है जो देवी ललिता की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो जीवन में कठिन समय से गुजर रहे हैं।