हिंदू धर्म में देवियों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। देवी दुर्गा के बहुत से अवतार हैं, जिनकी अलग-अलग रूप में पूजा की जाती है। मां वैष्णो देवी की पूजा का भी विशेष महत्व है। मां वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू कश्मीर में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि मां वैष्णो देवी जिसे बुलावा भेजती हैं सिर्फ वही भक्त वैष्णो देवी के दर्शन कर पाते हैं। माता वैष्णो देवी के मंदिर का रास्ता बहुत ही दुर्गम है। रास्ते में भक्तों के लिए बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। माता वैष्णो देवी चालीसा का पाठ करने से घर में सुख सौभाग्य की वृद्धि होती है। जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता है। मां वैष्णो देवी के आशीर्वाद से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं।
॥ दोहा॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम
॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी, कलि काल मे शुभ कल्याणी। मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है, रत्नाकर घर जन्म लियो है। करी तपस्या राम को पाऊँ, त्रेता की शक्ति कहलाऊँ॥ कहा राम मणि पर्वत जाओ, कलियुग की देवी कहलाओ। विष्णु रूप से कल्कि बनकर, लूंगा शक्ति रूप बदलकर॥ तब तक त्रिकुटा घाटी जाओ, गुफा अंधेरी जाकर पाओ। काली-लक्ष्मी-सरस्वती माँ,
करेंगी पोषण पार्वती माँ॥ ब्रह्मा, विष्णु, शंकर द्वारे, हनुमत, भैरों प्रहरी प्यारे। रिद्धि, सिद्धि चंवर डुलावें, कलियुग-वासी पूजत आवें॥ पान सुपारी ध्वजा नारीयल, चरणामृत चरणों का निर्मल। दिया फलित वर मॉ मुस्काई, करन तपस्या पर्वत आई॥ कलि कालकी भड़की ज्वाला, इक दिन अपना रूप निकाला। कन्या बन नगरोटा आई, योगी भैरों दिया दिखाई॥ रूप देख सुंदर ललचाया, पीछे-पीछे भागा आया। कन्याओं के साथ मिली मॉ, कौल-कंदौली तभी चली मॉ॥ देवा माई दर्शन दीना, पवन रूप हो गई प्रवीणा। नवरात्रों में लीला रचाई, भक्त श्रीधर के घर आई॥ योगिन को भण्डारा दीनी, सबने रूचिकर भोजन कीना। मांस, मदिरा भैरों मांगी, रूप पवन कर इच्छा त्यागी॥ बाण मारकर गंगा निकली, पर्वत भागी हो मतवाली। चरण रखे आ एक शीला जब, चरण-पादुका नाम पड़ा तब॥
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
पीछे भैरों था बलकारी, चोटी गुफा में जाय पधारी। नौ मह तक किया निवासा, चली फोड़कर किया प्रकाशा॥ आद्या शक्ति-ब्रह्म कुमारी, कहलाई माँ आद कुंवारी। गुफा द्वार पहुँची मुस्काई, लांगुर वीर ने आज्ञा पाई॥ भागा-भागा भैंरो आया, रक्षा हित निज शस्त्र चलाया। पड़ा शीश जा पर्वत ऊपर, किया क्षमा जा दिया उसे वर॥ अपने संग में पुजवाऊंगी, भैंरो घाटी बनवाऊंगी। पहले मेरा दर्शन होगा, पीछे तेरा सुमिरन होगा॥ बैठ गई माँ पिण्डी होकर, चरणों में बहता जल झर झर। चौंसठ योगिनी-भैंरो बर्वत, सप्तऋषि आ करते सुमरन॥ घंटा ध्वनि पर्वत पर बाजे, गुफा निराली सुंदर लागे। भक्त श्रीधर पूजन कीन, भक्ति सेवा का वर लीन॥ सेवक ध्यानूं तुमको ध्याना, ध्वजा व चोला आन चढ़ाया। सिंह सदा दर पहरा देता, पंजा शेर का दु:ख हर लेता॥ जम्बू द्वीप महाराज मनाया,
सर सोने का छत्र चढ़ाया । हीरे की मूरत संग प्यारी, जगे अखण्ड इक जोत तुम्हारी॥ आश्विन चैत्र नवरात्रे आऊँ, पिण्डी रानी दर्शन पाऊँ। सेवक’ कमल’ शरण तिहारी, हरो वैष्णो विपत हमारी॥
॥ दोहा ॥ कलियुग में महिमा तेरी, है माँ अपरंपार धर्म की हानि हो रही, प्रगट हो अवतार ॥ इति श्री वैष्णो देवी चालीसा ॥
वैष्णो देवी चालीसा का पाठ करने के फायदे
वैष्णो चालीसा का पाठ करने से जीवन में सभी प्रकार की समस्याओं का निराकरण हो जाता है।
व्यक्ति में आत्मविश्वास और शक्ति का संचार होता है।
वैष्णो चालीसा का पाठ करने से समृद्धि प्राप्त होती है।
सभी परेशानियां दूर होकर सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
वैष्णो चालीसा का पाठ करने से भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती हैं।
वैष्णो चालीसा का पाठ करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
घर का वातावरण आनंदमय बनता है।
घर में हर व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है।
वैष्णव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति उत्साही और साहसी होता है।
वैष्णो चालीसा का पाठ करने से जीवन की हर कठिनाई को आसानी से दूर कर सफलताओं को हासिल किया जा सकता है।
वैष्णो माता अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं, इसलिए इनके चालीसा का पाठ कर व्यक्ति शीघ्र ही अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकतें हैं।
विष्णु चालीसा का पाठ करने से सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है और उन्नति के नए रास्ते खुलते हैं।
वैष्णो देवी का चालीसा पाठ करने के साथ ही इनके मंत्रों का उच्चारण भी बहुत लाभदायक होता है। इन के मंत्रों का जाप करने से उन्नति होती है। जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती हैं। जीवन आनंद ही आनंद होता है।
माता वैष्णो देवी के प्रभावशाली मंत्र
जब हम देवी देवताओं की पूजा करते हैं तो उन्हें जल, वस्त्र,फूल, माला,चंदन का तिलक, प्रसाद आदि अर्पित करतें हैं। माता वैष्णो देवी का आवाहन् करके भी ये सभी चीजें अर्पित की जाती हैं। वैष्णो माता को ये सभी वस्तुयें अर्पित करते समय इन मंत्रो का जाप किया जाता है... 1. वैष्णो देवी को जल अर्पित करने का मंत्र.
इन सभी मंत्रों का जाप करके, वैष्णो माता का आवाहन करके और उनकी पसंदीदा वस्तुओं को अर्पित करके उनको प्रसन्न कर सकते हैं। वैष्णो माता शीघ्र ही प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।