दीन दुखियों के पालक है राम जी

दीन दुखियों के पालक है राम जी

 पग-पग पे दीन-दुखियों के पालक हैं राम जी,
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक हैं राम जी।।
पग-पग पे दीन-दुखियों के पालक हैं राम जी।।

हो जाए कोई भूल तो करना हमें क्षमा,
हम सब तुम्हारी गोद के बालक हैं राम जी।।
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक हैं राम जी।।

जीवन की अपनी नाव भंवर में जो आ फँसी,
फौरन उबार देने के लायक हैं राम जी।।
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक हैं राम जी।।

उनकी कृपा से काम ही रुकता न एक भी,
चिंता में क्यों मरे जो सहायक हैं राम जी।।
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक हैं राम जी।।

कहने को देवताओं की पैंतीस हैं कोटियाँ,
गजेंद्र अनुज, एक ही नायक हैं राम जी।।
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक हैं राम जी।।


हनुमान जयंती स्पेशल 2021 ~ दीन दुखियों के पालक है राम जी ~ Gajendra Singh ~ Ram Bhajan
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