वृन्दावन जाऊँगी सखी री वृन्दावन जाऊँगी Vrindavan Jaungi Sakhi Lyrics

वृन्दावन जाऊँगी सखी री वृन्दावन जाऊँगी Vrindavan Jaungi Sakhi Lyrics, Krishna Bhajan by Pujya Chitra Vichitra Ji Maharaj

सब द्वारन को छोड़ के,
श्यामा आई तेरे द्वार,
श्री वृषभान की लाडली,
मेरी और निहार।
वृन्दावन जाऊँगी सखी री
वृन्दावन जाऊँगी,
मेरे उठे विरह में पीड़,
सखी वृन्दावन जाउंगी,
मुरली बाजे यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाऊँगी।

श्याम सलौनी सूरत पे,
दीवानी हो गई,
अब कैसे धरूँ धीर सखी,
सखी वृन्दावन जाऊँगी।

छोड़ दिया मेने भोजन पानी,
श्याम की याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी वृन्दावन जाऊँगी।

इस दुनिया के रिश्ते नाते,
सब ही तोड़ दिए,
तुझे कैसे दिखाऊँ दिल चिर,
सखी वृन्दावन जाऊँगी।

नैन लड़े मेरे गिरधारी से,
बावरी हो गई,
दुनिया से हो गई अंजानी,
सखी वृन्दावन जाऊँगी।

मेरे उठे विरह में पीड़,
सखी वृन्दावन जाऊँगी,
मुरली बाजे यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाऊँगी।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

वृन्दावन जाऊँगी सखी री वृन्दावन जाऊँगी !! चित्र विचित्र जी महाराज !! गोहाना हरियाणा !! बृज भाव

Sab Dvaaran Ko Chhod Ke,
Shyaama Aai Tere Dvaar,
Shri Vrshabhaan Ki Laadali,
Meri Aur Nihaar.
Vrndaavan Jaungi Sakhi Ri
Vrndaavan Jaungi,
Mere Uthe Virah Mein Pid,
Sakhi Vrndaavan Jaungi,
Murali Baaje Yamuna Tir,
Sakhi Vrndaavan Jaungi.

Shyaam Salauni Surat Pe,
Divaani Ho Gai,
Ab Kaise Dharun Dhir Sakhi,
Sakhi Vrndaavan Jaungi.

Chhod Diya Mene Bhojan Paani,
Shyaam Ki Yaad Mein,
Mere Nainan Barase Nir,
Sakhi Vrndaavan Jaungi.

Is Duniya Ke Rishte Naate,
Sab Hi Tod Die,
Tujhe Kaise Dikhaun Dil Chir,
Sakhi Vrndaavan Jaungi.

Nain Lade Mere Giradhaari Se,
Baavari Ho Gai,
Duniya Se Ho Gai Anjaani,
Sakhi Vrndaavan Jaungi.

Mere Uthe Virah Mein Pid,
Sakhi Vrndaavan Jaungi,
Murali Baaje Yamuna Tir,
Sakhi Vrndaavan Jaungi.


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