मझधार में फँसी है नैया साईं तू ही सहारा
मझधार में फँसी है नैया साईं तू ही सहारा
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।
मझधार में फँसी है, नैया साईं, तू ही सहारा।
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।।
दर दर भटक रहा हूँ, बाबा, अब कितना भटकाओगे।
आखिर में मेरे बाबा, कब तक मंजिल तक पहुँचाओगे।
हँसती है मुझपे दुनिया, साईं, तेरा ही सहारा।
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।।
बिगड़ी पल भर में बनाए, जीवन को चमकाता है।
बिगड़ी भाग रेखा को, साईं, पल भर में सजाता है।
मेरी बिगड़ी बना दो, हाँ बाबा, तुझको है पुकारा।
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।।
मैं बहुत बेबस हूँ, बाबा, मैं बहुत लाचार हूँ।
दुःख ने ऐसा तांडव किया है, तन मन से बीमार हूँ।
सुनील तिवाड़ी चन्दन, तेरे बेटे ने पुकारा।
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।।
मझधार में फँसी है, नैया साईं, तू ही सहारा।
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।।
दर दर भटक रहा हूँ, बाबा, अब कितना भटकाओगे।
आखिर में मेरे बाबा, कब तक मंजिल तक पहुँचाओगे।
हँसती है मुझपे दुनिया, साईं, तेरा ही सहारा।
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।।
बिगड़ी पल भर में बनाए, जीवन को चमकाता है।
बिगड़ी भाग रेखा को, साईं, पल भर में सजाता है।
मेरी बिगड़ी बना दो, हाँ बाबा, तुझको है पुकारा।
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।।
मैं बहुत बेबस हूँ, बाबा, मैं बहुत लाचार हूँ।
दुःख ने ऐसा तांडव किया है, तन मन से बीमार हूँ।
सुनील तिवाड़ी चन्दन, तेरे बेटे ने पुकारा।
कहीं डूब जाऊं न, अब लगा दो तुम किनारा।।
Sai tera he sahara - साई तेरा ही सहारा - Lord Sai song - Sunil tiwari - hd video song bhakt
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Song - Sai tera he sahara
Singer - Sunil tiwari chandan -9919076796
Director : Mohan Sundrani
Producer : Lakhi Sundrani
Lyricist - Sunil tiwari chandan
Singer - Sunil tiwari chandan -9919076796
Director : Mohan Sundrani
Producer : Lakhi Sundrani
Lyricist - Sunil tiwari chandan
साईं की शरण में आने और उनकी कृपा की पुकार का भाव भक्त के हृदय को एक ऐसी तड़प से भर देता है, जो उसे सांसारिक मझधार से निकालकर प्रभु के सहारे की ओर ले जाता है। यह भाव उस गहरे विश्वास को दर्शाता है कि साईं ही एकमात्र सहारा हैं, जो डूबती नैया को किनारे तक पहुँचाते हैं। भक्त का मन, जो दर-दर भटककर और दुखों से लाचार होकर थक चुका है, साईं की कृपा में ही अपनी मंजिल और शांति खोजता है। उनकी करुणा वह शक्ति है, जो पलभर में बिगड़ी बात को बना देती है और भक्त के जीवन को सुख, समृद्धि और प्रकाश से भर देती है।
साईं की दया और उनका प्रेम भक्त के लिए वह अनमोल आधार है, जो उसे तन-मन के दुखों और बीमारी से मुक्त करता है। यह भाव उस अटल विश्वास को व्यक्त करता है कि साईं अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और उनकी बिगड़ी तकदीर को सजा देते हैं।
साईं की दया और उनका प्रेम भक्त के लिए वह अनमोल आधार है, जो उसे तन-मन के दुखों और बीमारी से मुक्त करता है। यह भाव उस अटल विश्वास को व्यक्त करता है कि साईं अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और उनकी बिगड़ी तकदीर को सजा देते हैं।
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Author - Saroj Jangir
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