ठहर जाए मानव कहाँ जा रहा है साईं भजन
ठहर जाए मानव कहाँ जा रहा है साईं भजन
ठहर जाए मानव, कहाँ जा रहा है,
साईं दर में आ, क्यों भटकता फिरा है।
ठहर जाए मानव, कहाँ जा रहा है।।
कर्म तेरा तुझको है डुबाए,
फिर क्यों पाप में हाथ रमाए।
कल की कर ले तू जो चिंता,
आत्मा तेरी मुक्त हो जाए।
फिर क्यों भटकता, क्यों है भटकता,
सुंदरता मन की क्यों घटाए।
ठहर जाए मानव, कहाँ जा रहा है।।
भाग रहा है दुनिया,
दुनिया का बस, साईं को वक़्त नहीं है।
जुआ तेरा जीवन, नशा तेरी शाम,
तेरा जीवन धुएँ समान।
खुद के जीवन के तू लुटेरे,
धन तेरा ही लुटा जा रहा है।
ठहर जाए मानव, कहाँ जा रहा है।।
साईं दर में आ, क्यों भटकता फिरा है।
ठहर जाए मानव, कहाँ जा रहा है।।
कर्म तेरा तुझको है डुबाए,
फिर क्यों पाप में हाथ रमाए।
कल की कर ले तू जो चिंता,
आत्मा तेरी मुक्त हो जाए।
फिर क्यों भटकता, क्यों है भटकता,
सुंदरता मन की क्यों घटाए।
ठहर जाए मानव, कहाँ जा रहा है।।
भाग रहा है दुनिया,
दुनिया का बस, साईं को वक़्त नहीं है।
जुआ तेरा जीवन, नशा तेरी शाम,
तेरा जीवन धुएँ समान।
खुद के जीवन के तू लुटेरे,
धन तेरा ही लुटा जा रहा है।
ठहर जाए मानव, कहाँ जा रहा है।।
ठहर जा ये मानव - Theharja Ye Manav - Imran Khan - 08982480470 ,09893977887 - Sai Bhakti Bhajan 2020
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Song : Theharja Ye Manav - ठहर जा ये मानव
Singer : Imran Khan & Amrita Talukdar
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Lyrics : Imran Khan
Music : Imran Khan
Recoding : Swaranjali Studio, Raipur
Editor : Radhe Nirwan
Graphics : Sushil Yadav
Music : Imran Khan
Recoding : Swaranjali Studio, Raipur
Editor : Radhe Nirwan
Graphics : Sushil Yadav
साईं की शरण और उनकी शिक्षाओं का भाव भक्त के हृदय को एक ऐसी जागृति से भर देता है, जो उसे सांसारिक भटकाव और माया से मुक्त होने का मार्ग दिखाता है। यह भाव उस गहरे संदेश को दर्शाता है कि जीवन की भागदौड़ और पापों में डूबा मन भक्त को सच्चे सुख और शांति से दूर ले जाता है। साईं का दर वह पवित्र स्थान है, जहाँ भक्त को ठहरकर अपनी आत्मा की पुकार सुनने और सत्य की ओर लौटने का अवसर मिलता है। उनकी कृपा और मार्गदर्शन भक्त को यह सिखाता है कि कर्मों का बोझ और पापों का रास्ता छोड़कर, यदि वह साईं की शरण में आए और आत्मा की मुक्ति की चिंता करे, तो उसका मन सुंदरता और शांति से भर जाएगा।
साईं की कृपा और उनका संदेश भक्त को यह अहसास दिलाता है कि जीवन का असली मोल साईं की भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलने में है, न कि दुनिया की नश्वर चीजों में। यह भाव उस सच्चाई को व्यक्त करता है कि भक्त का जीवन धुएँ की तरह क्षणभंगुर है, और उसे लुटेरे धन और नशे की लत में खो देने से कोई लाभ नहीं। साईं का आह्वान भक्त को यह सिखाता है कि वह अपने समय और जीवन को साईं की भक्ति में लगाए, ताकि वह सांसारिक मोह से मुक्त होकर सच्चे सुख और आत्मिक शांति को प्राप्त कर सके।
साईं की कृपा और उनका संदेश भक्त को यह अहसास दिलाता है कि जीवन का असली मोल साईं की भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलने में है, न कि दुनिया की नश्वर चीजों में। यह भाव उस सच्चाई को व्यक्त करता है कि भक्त का जीवन धुएँ की तरह क्षणभंगुर है, और उसे लुटेरे धन और नशे की लत में खो देने से कोई लाभ नहीं। साईं का आह्वान भक्त को यह सिखाता है कि वह अपने समय और जीवन को साईं की भक्ति में लगाए, ताकि वह सांसारिक मोह से मुक्त होकर सच्चे सुख और आत्मिक शांति को प्राप्त कर सके।
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Author - Saroj Jangir
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