साईं बाबा मैं तेरे दर पे आई साई भजन
साईं बाबा मैं तेरे दर पे आई साई भजन
साईं बाबा, मैं तेरे दर पे आई,
आज ऐसा कोई मुझको वर दीजिए,
सोने-चाँदी नहीं, हीरे-मोती नहीं,
जिस पे मूरत हो तेरी, वो घर दीजिए।।
तू है दाता, जन्म की भिखारिन हूँ मैं,
तेरे चरणों की सच्ची पुजारिन हूँ मैं,
साईं तू मेरा हो, दूर अंधेरा हो,
बस इतनी-सी मुझ पर मेहर कीजिए।
साईं बाबा, मैं तेरे दर पे आई।।
रहनुमा तू, सभी पे रहम करता है,
झोलियाँ पल में तू भक्तों की भरता है,
आके तेरी शरण, चूमती हूँ चरण,
मेरी नैया को भवपार कर दीजिए।
साईं बाबा, मैं तेरे दर पे आई।।
तू विधाता है, सारी ही काया का,
साथ जब आप हो, डर है किस बात का।
है ये अर्जी मेरी, आगे मर्ज़ी तेरी,
अपने भक्तों पे बस इक नज़र कीजिए।
साईं बाबा, मैं तेरे दर पे आई।।
आज ऐसा कोई मुझको वर दीजिए,
सोने-चाँदी नहीं, हीरे-मोती नहीं,
जिस पे मूरत हो तेरी, वो घर दीजिए।।
तू है दाता, जन्म की भिखारिन हूँ मैं,
तेरे चरणों की सच्ची पुजारिन हूँ मैं,
साईं तू मेरा हो, दूर अंधेरा हो,
बस इतनी-सी मुझ पर मेहर कीजिए।
साईं बाबा, मैं तेरे दर पे आई।।
रहनुमा तू, सभी पे रहम करता है,
झोलियाँ पल में तू भक्तों की भरता है,
आके तेरी शरण, चूमती हूँ चरण,
मेरी नैया को भवपार कर दीजिए।
साईं बाबा, मैं तेरे दर पे आई।।
तू विधाता है, सारी ही काया का,
साथ जब आप हो, डर है किस बात का।
है ये अर्जी मेरी, आगे मर्ज़ी तेरी,
अपने भक्तों पे बस इक नज़र कीजिए।
साईं बाबा, मैं तेरे दर पे आई।।
Sai Baba Mere Dar Pe Aai Tere I SANGEETA GROVER I Sai Bhajan I Full Audio Song
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Sai Bhajan: Sai Baba Mere Dar Pe Aai Tere
Singer: Sangeeta Grover
Music Director: Devendra Dev
Lyricist: Avnish Rahi
Album: Sai Baba Mere Dar Pe Aai Tere
Singer: Sangeeta Grover
Music Director: Devendra Dev
Lyricist: Avnish Rahi
Album: Sai Baba Mere Dar Pe Aai Tere
साईं के प्रति भक्त की गहरी भक्ति और उनकी शरण में समर्पण का भाव हृदय को एक ऐसी पुकार से भर देता है, जो प्रभु की कृपा और प्रेम की याचना करता है। यह भाव उस तीव्र इच्छा को दर्शाता है कि भक्त को साईं की मूरत वाला वह घर मिले, जहाँ हर पल उनकी स्मृति और भक्ति में डूबकर वह सांसारिक अंधेरे से मुक्त हो जाए। साईं की कृपा और उनका प्रेम भक्त के लिए वह अनमोल वरदान है, जो न सोने-चाँदी, न हीरे-मोती, बल्कि केवल उनकी निकटता और प्रेम की चाह रखता है।
साईं की करुणा और उनका रहम भक्त के लिए वह रास्ता है, जो उसे भवसागर से पार कराता है। यह भाव उस अटल विश्वास को व्यक्त करता है कि साईं, जो सारी सृष्टि के विधाता हैं, अपने भक्तों की झोली को पल में भर देते हैं और उनकी हर पुकार को सुनते हैं। साईं की शरण में आने वाला भक्त उनके चरणों को चूमकर और अपनी अर्जी उनके सामने रखकर यह जानता है कि उनकी एक नजर ही उसके जीवन को संवार सकती है।
साईं की करुणा और उनका रहम भक्त के लिए वह रास्ता है, जो उसे भवसागर से पार कराता है। यह भाव उस अटल विश्वास को व्यक्त करता है कि साईं, जो सारी सृष्टि के विधाता हैं, अपने भक्तों की झोली को पल में भर देते हैं और उनकी हर पुकार को सुनते हैं। साईं की शरण में आने वाला भक्त उनके चरणों को चूमकर और अपनी अर्जी उनके सामने रखकर यह जानता है कि उनकी एक नजर ही उसके जीवन को संवार सकती है।
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Author - Saroj Jangir
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