साईं कलयुग के अवतारी हैं भजन
साईं कलयुग के अवतारी हैं भजन
(मुखड़ा)
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।
साईं कलियुग के अवतारी हैं,
साईं जग के पालनहारे हैं,
साईं ने कर्म जब अपना किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(अंतरा 1)
जिसने साईं का ध्यान किया,
साईं नाम का अमृतपान उसने पिया।
सब रोग-शोक साईं ने हरे,
रहे कष्ट सदा भक्तों से परे,
रहे कष्ट सदा भक्तों से परे।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(अंतरा 2)
हम सारे किस्मत वाले हैं,
श्री साईं के चाहने वाले हैं।
साईं की रहमत हमें मिली,
खुशियों की सभी कलियां हैं खिली।
जीवन अर्पण चरणों में किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(अंतरा 3)
भक्ति साईं जी की फलदाई,
जीवन में सुख सारे लाई।
मन की बातें साईं जाने,
अपना सबको साईं माने,
अपना सबको साईं माने।।
(अंतरा 4)
महिमा साईं की निराली है,
कोई दर से ना लौटा खाली है।
साईं ने खुशियां लौटाईं,
मुस्कान लबों पर है आई।
गुलज़ार चमन सुना है किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(अंतरा 5)
साईं की सेवा में जो लगा,
उसका है नसीबा पल में जगा।
साईं का दर सबसे प्यारा,
अंधियारों में दे उजियारा,
अंधियारों में दे उजियारा।।
(अंतरा 6)
दर साईं के उसकी जीत हुई,
जो भी इस जग से है हारा।
साईं सबका रखवाला है,
साईं ही दीनदयाला है।
लौ साईं से जो लगाई है,
खुशहाली की राहें पाई हैं।
साईं ने सभी पर उपकार किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(पुनरावृत्ति / समापन)
साईं कलियुग के अवतारी हैं,
साईं जग के पालनहारे हैं,
साईं ने कर्म जब अपना किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।
साईं कलियुग के अवतारी हैं,
साईं जग के पालनहारे हैं,
साईं ने कर्म जब अपना किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(अंतरा 1)
जिसने साईं का ध्यान किया,
साईं नाम का अमृतपान उसने पिया।
सब रोग-शोक साईं ने हरे,
रहे कष्ट सदा भक्तों से परे,
रहे कष्ट सदा भक्तों से परे।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(अंतरा 2)
हम सारे किस्मत वाले हैं,
श्री साईं के चाहने वाले हैं।
साईं की रहमत हमें मिली,
खुशियों की सभी कलियां हैं खिली।
जीवन अर्पण चरणों में किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(अंतरा 3)
भक्ति साईं जी की फलदाई,
जीवन में सुख सारे लाई।
मन की बातें साईं जाने,
अपना सबको साईं माने,
अपना सबको साईं माने।।
(अंतरा 4)
महिमा साईं की निराली है,
कोई दर से ना लौटा खाली है।
साईं ने खुशियां लौटाईं,
मुस्कान लबों पर है आई।
गुलज़ार चमन सुना है किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(अंतरा 5)
साईं की सेवा में जो लगा,
उसका है नसीबा पल में जगा।
साईं का दर सबसे प्यारा,
अंधियारों में दे उजियारा,
अंधियारों में दे उजियारा।।
(अंतरा 6)
दर साईं के उसकी जीत हुई,
जो भी इस जग से है हारा।
साईं सबका रखवाला है,
साईं ही दीनदयाला है।
लौ साईं से जो लगाई है,
खुशहाली की राहें पाई हैं।
साईं ने सभी पर उपकार किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
(पुनरावृत्ति / समापन)
साईं कलियुग के अवतारी हैं,
साईं जग के पालनहारे हैं,
साईं ने कर्म जब अपना किया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया,
बिन मांगे सब साईं ने दिया।
साईं नाथ, साईं नाथ,
साईं नाथ, साईं नाथ।।
साईं कलयुग के अवतारी हैं भजन Sai Kalyug Ke Avtari | Sai Bhajan | MOHIT GUPTA | Full Audio Song
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Sai Bhajan: Sai Kalyug Ke Avtari
Singer: Mohit Gupta
Music Director: Azam Ali Mukarram
Lyricist: Shardul Rathod
Artist: Mohit Gupta
Album: Sai Kalyug Ke Avtari
Singer: Mohit Gupta
Music Director: Azam Ali Mukarram
Lyricist: Shardul Rathod
Artist: Mohit Gupta
Album: Sai Kalyug Ke Avtari
साईं बाबा, कलयुग के अवतारी और जग के पालनहार, वह दयालु प्रभु हैं, जो बिन मांगे भक्तों को सब कुछ दे देते हैं। उनके नाम का अमृतपान करने वाला भक्त हर रोग और शोक से मुक्त हो जाता है, और साईं की कृपा से उसके कष्ट सदा दूर रहते हैं। उनकी भक्ति फलदायी है, जो जीवन में सुख और शांति लाती है। साईं भक्तों के मन की बात जानते हैं और सबको अपना मानते हैं। उनकी महिमा इतनी निराली है कि कोई भी उनके दर से खाली नहीं लौटता, और उनकी कृपादृष्टि से भक्तों के चेहरों पर मुस्कान खिल उठती है।
‘श्री साईं के चाहने वाले’ अपने को किस्मत वाला मानते हैं, क्योंकि साईं की रहमत ने उनके जीवन को खुशियों की कलियों से सजा दिया है। उनकी सेवा में लगा भक्त का नसीब पल में जाग उठता है, और साईं का दर अंधियारों में उजियारा बिखेरता है। हारा हुआ भी उनके दर पर जीत पाता है, क्योंकि साईं दीन-दयाल और सबके रखवाले हैं। उनकी लौ से जुड़ा भक्त खुशहाली की राह पाता है, और साईं का उपकार उसके जीवन को मंगलमय बनाता है। यह वह आध्यात्मिक बंधन है, जो भक्त को साईं के चरणों में बांधे रखता है, और उनकी कृपा से हर पल आनंद और समृद्धि से परिपूर्ण हो जाता है।
‘श्री साईं के चाहने वाले’ अपने को किस्मत वाला मानते हैं, क्योंकि साईं की रहमत ने उनके जीवन को खुशियों की कलियों से सजा दिया है। उनकी सेवा में लगा भक्त का नसीब पल में जाग उठता है, और साईं का दर अंधियारों में उजियारा बिखेरता है। हारा हुआ भी उनके दर पर जीत पाता है, क्योंकि साईं दीन-दयाल और सबके रखवाले हैं। उनकी लौ से जुड़ा भक्त खुशहाली की राह पाता है, और साईं का उपकार उसके जीवन को मंगलमय बनाता है। यह वह आध्यात्मिक बंधन है, जो भक्त को साईं के चरणों में बांधे रखता है, और उनकी कृपा से हर पल आनंद और समृद्धि से परिपूर्ण हो जाता है।
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Author - Saroj Jangir
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