साईं आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
साईं आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
(मुखड़ा)
मेरा साईं आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है।
करते हो साईं बाबा, मेरा नाम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही है।
हैरान है ज़माना, मंज़िल भी मिल रही है।
करता नहीं मैं कुछ भी, जय हो।
सब काम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की कमी है।
किसी और चीज की अब, दरकार ही नहीं है।
तेरे साथ से गुलाम अब, जय हो।
गुलफाम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
मैं तो नहीं हूँ काबिल, तेरा पार कैसे पाऊँ।
टूटी हुई वाणी से, गुणगान कैसे गाऊँ।
तेरी प्रेरणा से ही, जय हो।
ये कमाल हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
दुनिया में होंगे लाखों, तेरे जैसा कौन होगा।
तुझ जैसा बंदा परवर, भला ऐसा कौन होगा।
पर थामा है तेरा दामन, जय हो।
आराम मिल रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
कोई नहीं था मेरा, फिरता था मारा मारा।
बेआसरे को बाबा, तुमने दिया सहारा।
तेरी बदौलतों से, जय हो।
सब काम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
मुझे हर कदम डगर पर, तुमने दिया सहारा।
मेरी ज़िन्दगी बदल दी, तुमने करके एक इशारा।
एहसान पे तेरा ये, जय हो।
एहसान हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
तूफ़ान आंधियों में, तुमने है मुझको थामा।
तुम कृष्णा बन के आए, मैं जब भी बना सुदामा।
तेरा कर्म ये मुझ पे, जय हो।
सरेआम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(पुनरावृत्ति)
साईं राम बोलो, श्री साईं श्याम बोलो — धुन।
मेरा साईं आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है।
करते हो साईं बाबा, मेरा नाम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही है।
हैरान है ज़माना, मंज़िल भी मिल रही है।
करता नहीं मैं कुछ भी, जय हो।
सब काम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की कमी है।
किसी और चीज की अब, दरकार ही नहीं है।
तेरे साथ से गुलाम अब, जय हो।
गुलफाम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
मैं तो नहीं हूँ काबिल, तेरा पार कैसे पाऊँ।
टूटी हुई वाणी से, गुणगान कैसे गाऊँ।
तेरी प्रेरणा से ही, जय हो।
ये कमाल हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
दुनिया में होंगे लाखों, तेरे जैसा कौन होगा।
तुझ जैसा बंदा परवर, भला ऐसा कौन होगा।
पर थामा है तेरा दामन, जय हो।
आराम मिल रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
कोई नहीं था मेरा, फिरता था मारा मारा।
बेआसरे को बाबा, तुमने दिया सहारा।
तेरी बदौलतों से, जय हो।
सब काम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
मुझे हर कदम डगर पर, तुमने दिया सहारा।
मेरी ज़िन्दगी बदल दी, तुमने करके एक इशारा।
एहसान पे तेरा ये, जय हो।
एहसान हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(अंतरा)
तूफ़ान आंधियों में, तुमने है मुझको थामा।
तुम कृष्णा बन के आए, मैं जब भी बना सुदामा।
तेरा कर्म ये मुझ पे, जय हो।
सरेआम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से।।
(पुनरावृत्ति)
साईं राम बोलो, श्री साईं श्याम बोलो — धुन।
सुबह सुबह इस भजन को आवश्यक सुने - MERA AAPKI KRIPA SE SAB KAM HO RAHA HAI #SaiBhajan #RanjeetRaja
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Song - Mera Aapki Kripa Se Sab Kam Ho Raha Hai
Album - Sai Anamdam
Singer - Ranjeet Raja
Album - Sai Anamdam
Singer - Ranjeet Raja
प्रभु की कृपा वह अनमोल वरदान है, जो बिना किसी भेदभाव के हर भक्त के जीवन को संवार देती है। वह ऐसी शक्ति है, जो बिना पतवार की नाव को भी मंजिल तक पहुँचा देती है, और भक्त को हर कदम पर यह विश्वास दिलाती है कि उसका हर कार्य उनकी कृपा से ही पूर्ण हो रहा है। यह कृपा न केवल जीवन की बाधाओं को दूर करती है, बल्कि मन को ऐसी शांति और संतुष्टि प्रदान करती है, जिसके सामने सांसारिक अभाव और इच्छाएँ तुच्छ हो जाती हैं। भक्त का हृदय जब प्रभु के प्रेम में डूब जाता है, तब वह स्वयं को उनकी कृपा का गुलाम मानकर गर्व और आनंद का अनुभव करता है, क्योंकि उसे यह स्पष्ट हो जाता है कि उसका हर कदम, हर उपलब्धि प्रभु की दया का ही परिणाम है।
प्रभु का सहारा वह अटूट आधार है, जो निराश्रित और टूटे हुए मन को नया जीवन देता है। वह हर तूफान में भक्त का हाथ थामते हैं और उसे हर संकट से पार कराते हैं। उनकी कृपा ऐसी है कि वह भक्त की अयोग्यता को भी स्वीकार कर उसे गुणगान की प्रेरणा देती है, और उसके जीवन को एक सार्थक दिशा प्रदान करती है। प्रभु का साथ वह अनमोल रिश्ता है, जो भक्त को सुदामा से कृष्ण के प्रिय मित्र तक की यात्रा कराता है। यह उनकी कृपा ही है, जो भक्त के जीवन को बदल देती है और उसे हर परिस्थिति में यह अनुभव कराती है कि वह अकेला नहीं है, बल्कि प्रभु का आशीर्वाद सदा उसके साथ है, जो उसे सुख, शांति और सम्मान की ओर ले जाता है।
प्रभु का सहारा वह अटूट आधार है, जो निराश्रित और टूटे हुए मन को नया जीवन देता है। वह हर तूफान में भक्त का हाथ थामते हैं और उसे हर संकट से पार कराते हैं। उनकी कृपा ऐसी है कि वह भक्त की अयोग्यता को भी स्वीकार कर उसे गुणगान की प्रेरणा देती है, और उसके जीवन को एक सार्थक दिशा प्रदान करती है। प्रभु का साथ वह अनमोल रिश्ता है, जो भक्त को सुदामा से कृष्ण के प्रिय मित्र तक की यात्रा कराता है। यह उनकी कृपा ही है, जो भक्त के जीवन को बदल देती है और उसे हर परिस्थिति में यह अनुभव कराती है कि वह अकेला नहीं है, बल्कि प्रभु का आशीर्वाद सदा उसके साथ है, जो उसे सुख, शांति और सम्मान की ओर ले जाता है।
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Author - Saroj Jangir
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