सतगुरु तुम सागर मैं मीना, तुम बिन रह ना पाऊँगी, तुमसे दो पल की दूरी, गुरू जी सह ना पाऊँगी।
ये चल रही है जिंदगी, उलटी भी धार में, और दिख रही है जीत, जीवन की हार में, हारी बाजी जीवन की, हारी बाज़ी जीवन की, गुरूजी जीत जाऊँगी, तुमसे दो पल की दूरी, गुरू जी सह ना पाऊँगी।
हरियाली ही हरियाली है, जीवन के खेत में, ठंडक सी मिल रही है, जलती सी रेत में, तुम साथ हो हमारे, तुम साथ हो हमारें, तो मैं चलती जाऊँगी, तुम से दो पल की दूरी, गुरू जी सह ना पाऊँगी।
खुद की समझ हुई है, अध्यात्म से मुझे, मिलवा दिया है तुमसे, खुद आत्म से मुझे, मिलने लगी हूँ खुद से, मिलने लगी हूँ खुद से, अब मैं मिलती जाऊँगी, तुम से दो पल की दूरी, गुरू जी सह ना पाऊँगी।
सतगुरु तुम सागर मैं मीना, तुम बिन रह ना पाऊँगी, तुमसे दो पल की दूरी, गुरू जी सह ना पाऊँगी। गुरूजी सह ना पाउंगी।
सतगुरु तुम सागर मे मीना - Guru Purnima Bhajan 2021- Bhawana Swaranjali - गुरु पूर्णिमा भजन
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