सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी, सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी, राधे संग रसिक बिहारी, राधे संग नित्य बिहारी, सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी।
मोर मुकुट कानन में कुण्डल, रूप निहारत सब बृज मण्डल, कर दर्शन,
कर दर्शन, सुध बुध भूल रहे,
राधे संग कुंज बिहारी, सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी, बांकी झांकी है प्यारी, प्यारे नंद लाल की, मीरा दीवानी हो गयी, गिरधर गोपाल की।
खड़ो मनसुखा लेकर सोटा, सखियां दे रही लम्बे झौटा, और बादल काले झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी, सावन में झूला झूल रहे,
Chitra Vichitra Ji Maharaj Bhajan Lyrics in Hindi
राधे संग कुंज बिहारी।
कूक रही है कोयल काली, लता पता छाई हरियाली, महक कदम संग फूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी, सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी।
प्रेमी बृज लागे मनभावन, रिमझिम रिमझिम बरसे सावन, बर कालिंदी संग झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी,
सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी।
सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी। राधे संग रसिक बिहारी, राधे संग नित्य बिहारी, सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी।