दरबार तेरा दरबारों में जैसे कोई चाँद हो

दरबार तेरा दरबारों में जैसे कोई चाँद हो

दरबार तेरा दरबारों में,
जैसे कोई चाँद हो तारों में,
महिमा गाऊँ क्या तेरी माँ,
तुझ सा नहीं एक हजारों में।।

जो भी तेरे दर आता है,
मनचाही मुरादें पाता है,
मुमकिन ही नहीं तुलना उसकी,
माँ-बच्चों का जो नाता है,
खुशकिस्मत हूँ, बड़भागी हूँ,
मैं भी हूँ तेरे दुलारों में,
दरबार तेरा दरबारों में,
जैसे कोई चाँद हो तारों में।।

जब-जब तेरा दर्शन पाऊँ,
मैया, मैं गदगद हो जाऊँ,
कुछ ना कुछ दे ही देती हो,
जब भी तेरे दर पर आऊँ,
हर बार नया इक जुड़ जाता,
उपकार तेरे उपकारों में,
दरबार तेरा दरबारों में,
जैसे कोई चाँद हो तारों में।।

बच्चों का सब कुछ तू है माँ,
मैं फूल हूँ, तू खुशबू है माँ,
'साहिल' मैं क्या हूँ, कुछ भी नहीं,
सब तेरा ही जादू है माँ,
दुख को सुख में बदला तूने,
मातम बदला त्योहारों में,
दरबार तेरा दरबारों में,
जैसे कोई चाँद हो तारों में।।

दरबार तेरा दरबारों में,
जैसे कोई चाँद हो तारों में,
महिमा गाऊँ क्या तेरी माँ,
तुझ सा नहीं एक हजारों में।।


Darbar Tera Darbaro mein || दरबार तेरा दरबारों में || Mata ki Bheint || Nidhi Sahil ||
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