कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी !! 10.9.2019 !! देहरादून

कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी लिरिक्स Kripa Ki Na Hoti Jo Aadat Lyrics, Krishna Bhajan by Pujya Chitra Vichitra Maharaj

वह और की आस,
करे ना करे,
जिसे आश्रय श्री,
हरी नाम का है,
उसे स्वर्ग से मित्र,
प्रयोजन क्या,
नित वासी जो गोकुल,
गाँव का है,
बस सार्थक जीवन,
उसी का यहां,
हरे कृष्ण जो,
चाकर श्याम का है।
बिना कृष्ण दर्शन के,
जग में,
ये जीवन ही,
किस काम का है।
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

जो दिनों के दिल में,
जगह तुम न पाते,
तो किस दिल में होती,
हिफाजत तुम्हारी।
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

ना मुल्ज़िम ही होते,
ना तुम होते हाक़िम,
ना घर घर में होती,
ईबादत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

गरीबों की दुनिया है,
आबाद तुमसे,
गरीबों से है,
बादशाहत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

तुम्हारी उल्फत के,
द्रग बिन्दु हैं ये,
तुम्हें सौंपते हैं,
अमानत तुम्हारी,
कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।

कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)



कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी !! 10.9.2019 !! देहरादून

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Usi Ka Yahan,
Hare Krshn Jo,
Chakar Shyam Ka Hai.
Bina Krshn Darshan Ke,
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Kis Kam Ka Hai.
Krpa Ki Na Hoti Jo,
adat Tumhari,
To Suni Hi Rahati,
Adalat Tumhari.

Jo Dinon Ke Dil Mein,
Jagah Tum Na Pate,
To Kis Dil Mein Hoti,
Hiphajat Tumhari.
Krpa Ki Na Hoti Jo,
adat Tumhari,
To Suni Hi Rahati,
Adalat Tumhari.

Na Mulzim Hi Hote,
Na Tum Hote Haqim,
Na Ghar Ghar Mein Hoti,
ibadat Tumhari,
Krpa Ki Na Hoti Jo,
adat Tumhari,
To Suni Hi Rahati,
Adalat Tumhari.

Garibon Ki Duniya Hai,
abad Tumase,
Garibon Se Hai,
Badashahat Tumhari,
Krpa Ki Na Hoti Jo,
adat Tumhari,
To Suni Hi Rahati,
Adalat Tumhari.

Tumhari Ulphat Ke,
Drag Bindu Hain Ye,
Tumhen Saumpate Hain,
Amanat Tumhari,
Krpa Ki Na Hoti Jo,
adat Tumhari,
To Suni Hi Rahati,
Adalat Tumhari.

Krpa Ki Na Hoti Jo,
adat Tumhari,
To Suni Hi Rahati,
Adalat Tumhari.
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