अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

 
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे Agar Nath Dekhoge Avgun

अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।
हमारे लिए क्यों देर किए हो,
हमारे लिए क्यों देर किए हो,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।

पतितों को पावन करते कृपा निधि,
पतितो को पावन करते कृपा निधि,
किए पाप हैं इस सुयश के सहारे,
किए पाप हैं इस सुयश के सहारे,
अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।

ये माना अधम हैं अपावन कुटिल हैं,
ये माना अधम हैं अपावन कुटिल हैं,
सब कुछ हैं लेकिन हैं भगवन तुम्हारे,
सब कुछ हैं लेकिन हैं भगवन तुम्हारे,
अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।

मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से,
मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से,
ये मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से,
इसे शुद्ध करने में, राजेश हारे,
अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)



अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे || श्रद्धेय गोविंद भार्गव जी || BHAJAN

इस भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों को भी देखें.

यह भी देखें You May Also Like 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post