ठुमक ठुमक चली आये रही हो जगदम्बा

ठुमक ठुमक चली आये रही हो जगदम्बा हमारी

(मुखड़ा)
ठुमक-ठुमक चली आए रही हो,
जगदंबा हमारी,
लाल चुनरिया फहराए रही हो,
जगदंबा हमारी।।

(अंतरा)
नाके नथुनिया, माँ को भावे,
होंठों पे लाली भी सुहावे,
माथे पे बिंदिया चमकाए रही हो,
जगदंबा हमारी,
ठुमक-ठुमक चली आए रही हो,
जगदंबा हमारी।।

मस्तक मुकुट सुहावे माँ को,
फूलन गजरे भावे माँ को,
कानों में कुंडल लटकाए रही हो,
जगदंबा हमारी,
ठुमक-ठुमक चली आए रही हो,
जगदंबा हमारी।।

कंठ में मोतियन माला सोहे,
देख के मोरा मनवा मोहे,
हाथों में कंगना खनकाए रही हो,
जगदंबा हमारी,
ठुमक-ठुमक चली आए रही हो,
जगदंबा हमारी।।

पाँव में पायल छम-छम बाजे,
लच्छा, बिछुआ, तोड़ा साजे,
और महावर सजाए रही रे,
जगदंबा हमारी,
ठुमक-ठुमक चली आए रही हो,
जगदंबा हमारी।।

माँ की महिमा जग में न्यारी,
जप-जप नाम रे, जगत सुखारी,
राजेंद्र पे कृपा बरसाए रही रे,
जगदंबा हमारी,
ठुमक-ठुमक चली आए रही हो,
जगदंबा हमारी।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
ठुमक-ठुमक चली आए रही हो,
जगदंबा हमारी,
लाल चुनरिया फहराए रही हो,
जगदंबा हमारी।।
 

ठुमक ठुमक चली आये रही हो जगदम्बा हमारी,by rajendra prasad soni देवी गीत,देवी सॉन्ग,माता जी के भजन,ma
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