मिट्टी के दिए जलाना है भजन

Mitti Ke Diye Jalane Hain

भारत का हो मान जगत में,
गीत वही अब गाना है,
भारत का हो मान जगत में,
गीत वही अब गाना है,
इस धरती पे, हर घर में,
मिटटी के दिए जलाने हैं,
मिट्टी के दिए जलाना है।

माना की कभी भूल गए थे,
हम अपनी सच्चाई को,
भूल चले थे स्वार्थ की खातिर,
अपनों की अच्छाई को,
अपने भारत को विश्वगुरु,
मिलकर हमें बनाना है,
इस धरती पे हर घर में,
मिटटी के दिए जलाना है,
मिट्टी के दिए जलाना है।

संघ शक्ति के एक सुरों में,
मिलकर हम सब गायेंगे,
पहले जो कर बैठे थे जो अब,
भूल ना दोहराएंगे,
हिन्दू हैं हम सभी सहोदर,
सबको यह समझाना है,
इस धरती पे हर घर में,
मिटटी के दिए जलाना है,
मिट्टी के दिए जलाना है।

अपनों के संग मिलजुल कर,
त्योंहार अनंत मनाएंगे,
जयकार लगा कर जननी की,
फिर से भगवा लहरायेंगे,
स्वदेसी का यह मंत्र चला,
भारत को अखंड बनाना है,
इस धरती पे हर घर में,
मिटटी के दिए जलाना है,
मिट्टी के दिए जलाना है।

भारत का हो मान जगत में,
गीत वही अब गाना है,
भारत का हो मान जगत में,
गीत वही अब गाना है,
इस धरती पे, हर घर में,
मिटटी के दिए जलाना है,
मिट्टी के दिए जलाना है।

भजन श्रेणी : विविध भजन/ सोंग लिरिक्स हिंदी Bhajan/ Song Lyrics


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