सूनी होयि गयि खिरकी महल अंधियार

सूनी होयि गयि खिरकी महल अंधियार

सूनी होयि गयि खिरकी महल अंधियार,
हो कि महल अंधियार हो कि,
तोंहरे अनुहार बेटी केउ न देखायि,
हो कि तोंहरे अनुहार बेटी केउ न देखायि,
हो आजा कंहयि निकला,
नातिन जोगी होयि,
जाब हो कि जोगी होयि जाब हो कि,
आजी कंहयि फाटा,
धरती जाबयि हम समायि,
हो कि आजी कंहयि फाटा,
धरती जाबयि हम समायि हो..
सूनी होयि गयि खिरकी महल अंधियार,
हो कि महल अंधियार हो,
कि तोंहरे अनुहार बेटी केउ न देखायि,
हो कि तोंहरे अनुहार,
बेटी केउ न देखायि हो,
बाबू कंहयि निकला बेटी जोगी होयि,
जाब हो कि जोगी होयि जाब हो कि
माया कंहयि फाटा धरती जाबयि,
हम समायि हो कि माया कंहयि फाटा,
धरती जाबयि हम समायि हो..
सूनी होयि गयि खिरकी महल अंधियार,
हो कि महल अंधियार हो कि
तोंहरे अनुहार बेटी केउ न देखायि,
हो कि तोंहरे अनुहार बेटी केउ न देखायि हो,
काका कंहयि निकला बेटी जोगी होयि जाब,
हो कि जोगी होयि जाब हो कि
काकी कंहयि फाटा,
धरती जाबयि हम समायि,
हो कि काकी कंहयि फाटा,
धरती जाबयि हम समायि हो..
सूनी होयि गयि खिरकी महल अंधियार,
हो कि महल अंधियार हो कि
तोंहरे अनुहार बेटी केउ न देखायि,
हो कि तोंहरे अनुहार,
बेटी केउ न देखायि,
हो भयिया कंहयि निकला,
बहिनी जोगी होयि,
जाब हो कि जोगी होयि जाब हो कि
भउजी कंहयि फाटा,
धरती जाबयि हम समायि,
हो कि भउजी कंहयि फाटा,
धरती जाबयि हम समायि हो..


Next Post Previous Post