भगतों सुमिरों कथा ये मेरे श्याम की लिरिक्स Bhakto Sumiro Katha Ye Lyrics Shyam Amar Katha

भगतों सुमिरों कथा ये मेरे श्याम की लिरिक्स Bhakto Sumiro Katha Ye Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Singer: Lakhan Arya


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श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम,
भगतों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
जिसके ध्यान से बनते हैं सारे, काज वो,
सुमिरों श्री श्याम का नाम हाँ,
सुमिरों श्री श्याम का नाम हाँ,
बाबा थारा लहर लहर उड़े,निशान रे,
भगतों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
भगतों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।

महाभारत का वो युद्ध,
हुआ था घनघौर जी,
जिसने में वीर थे, बलवान थे,
शूरवीर थे हर पक्ष में जी,
श्री कृष्ण थे अर्जुन के पालनहार जी,
भगतों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।

पांडू भीम ने, पाया था पौत्र अनाम जी,
वीर बर्बरीक दिया था पौत्र का नाम जी,
युद्ध को देख के मन हुआ पौत्र का,
रौशन करूँगा कुल को मैं भी,
जिद की माँ मौरवी से पाई शिक्षा युद्ध की,
भगतों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।

आदि शक्ति का किया था वीर ने, ध्यान जी,
पाए बाण तीन अमोध,
जिनका करते वो उपयोग युद्ध में,
हाँ हाँ युद्ध में जी,
तीन बाण धारी, पाया नाम जी,
भगतों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।

माँ ने पुत्र से लिए थे दो ही वचन जी,
ये दो वचन ही, बने हैं वरदान जी,
तुझसे राह में कुछ मांग ले, इनकार मत करना,
हाँ ये वचन है पहला,
हाँ ये वचन है पहला,
दूसरा हारे को देना सहारा,
भक्तों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।

फागण द्वादशी के दिन की है ये बात जी,
शीश का दान माँगा इस श्रष्टि के कल्याण हेतु,
हाँ कल्याण हेतु, हाँ कल्याण हेतु,
शीश का दानी दिया था नाम जी,
भक्तों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।

शीश का दान देख हुई थी पीड़ा, माँ को,
बोले कृष्ण ये वरदान देता हूँ मैया,
श्याम नाम और कला मेरी,
श्याम नाम और कला मेरी,
निहित होती आज से इस शीश में,
भक्तों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।

महिमा श्याम की कलियुग में होगी अपार जी,
पूजा श्याम ,की कलियुग में होगी अपार जी,
जो निशान और चूरमा का भोग लगायेगा,
फागुण पे भक्तों ग्यारस पे भक्तों,
हाँ, ग्यारस पे भक्तों,
मनोकामनाएं पूर्ण होय गी,
कृपा श्याम की पायेगा भरपूर जी,
कृपा श्याम की पायेगा, भरपूर जी,
माता हारे का सहारा, तेरा लाल जी,
जो भी हार के आएगा,
वो पायेगा कृपा श्याम की जी,
हाँ तेरे लाल की जी,
हाँ तेरे लाल की जी,
जग में वो कभी ना हार पायेगा,
तेरा लाल ये होगा, अमर बलिदानी जी,
भक्तों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।

फागण मेलो तो भर आयो म्हारा श्याम को,
फागण मेलो तो भर आयो म्हारा श्याम को,
भक्तो आवो रे, जानों जी फागुण की ये महिमा,
प्यारी क्यों है, हां हां, निराली क्यों है,
शीश के दानी की ये है जी बात जी,
भक्तों सुमिरों,  कथा ये मेरे श्याम की,
सुनों श्री श्याम कथा, श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम, मेरे श्याम।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)




Shri Shyam Amar Katha | श्री श्याम अमर कथा | Khatu Shyam Ji Ki Mahima by Lakhan Arya & Rohit Baba

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