श्याम संग प्रीत भजन लिरिक्स हँसराज रघुवंशी

श्याम संग प्रीत भजन हँसराज रघुवंशी

दूर से आया बाबा
धाम तेरे खाटू,
दूर से आया बाबा
धाम तेरे खाटू,
दर्द ना कहूं मैं किसी से
बस तोसे बांटू,
दर्द ना कहूं मैं किसी से
बस तोसे बांटू।

मुझको सताए जो
आ के कभी दर्द,
बस नाम है तेरा लेना,
गम मेरे हर के तू आ मेरे बाबा,
बस खुशिया मुझको तू देना,
तेरा ही नाम ले कर मैं बाबा,
रोज चलता रहता हूं।
श्यामा प्रीत मैं तोसे लगा बैठा हूं,
श्यामा प्रीत मैं तोसे लगा बैठा हूं,
बाबा प्रीत मैं तोसे लगा बैठा हूं।

शीश जो मांगा हरि ने,
एक बार में दे डाला,
कलयुग में रूप हरि का
ले के संसार को पाला,
शीश जो मांगा हरि ने
एक बार में दे डाला,
कलयुग में रूप हरि का
ले के संसार को पाला,
हारे का तुम ही केवल,
हो एक सहारा,
जिसका ना कोई जगत में,
श्याम हमारा।
तेरी बदौलत हर कष्ट रोज,
हंसते हुए ही तो सहता हूं,
श्यामा प्रीत मैं तोसेलगा बैठा हूं,
श्यामा प्रीत मैं तोसे लगा बैठा हूं,
बाबा प्रीत मैं तोसे लगा बैठा हूं।

तीन बाण धारी हारे,
युद्ध के सहाये।
शीश से बाबा तुम,
शिरगुल कहलाये।
तीन बाण धारी हारे,
युद्ध के सहाये।
शीश से बाबा तुम,
शिरगुल कहलाये।
माता मोरब के हो राज दुलारे,
कृष्ण कन्हैया के भी,
हो अति प्यारे।
एक तुम ही श्यामा मेरे हो,
बाकी सबको पराया मैं कहता हूं,
श्यामा प्रीत मैं तोसे लगा बैठा हूं,
श्यामा प्रीत मैं तोसे लगा बैठा हूं।
बाबा प्रीत मैं तोसे लगा बैठा हूं।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)


Khatu Shyam Bhajan || Shyama Sang Preet | Hansraj Raghuwanshi |R Giftrulers |R Jindal|2Directors|

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