तेरे नाम का सुमिरण करके

तेरे नाम का सुमिरण करके

तेरे नाम का सुमिरन करके,
मेरे मन में सुख भर आया,
तेरी कृपा को मैंने पाया,
तेरी दया को मैंने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन करके,
मेरे मन में सुख भर आया।

दुनिया की ठोकर खाकर,
जब हुआ कभी बेसहारा,
ना पाकर अपना कोई,
जब मैंने तुम्हे पुकारा,
हे नाथ मेरे सर उपर,
तूने अमृत बरसाया,
तेरी कृपा को मैंने पाया,
तेरी दया को मैंने पाया,
तेरी कृपा को मैंने पाया,
तेरी दया को मैंने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन करके,
मेरे मन में सुख भर आया।

तू संग में था नित मेरे,
ये नैना देख ना पाए,
चंचल माया के रंग में,
ये नैन रहे उलझाए,
जितने ही बार गिरा हूँ,
तूने पग पग मुझे उठाया,
तेरी कृपा को मैंने पाया,
तेरी दया को मैंने पाया,
तेरी कृपा को मैंने पाया,
तेरी दया को मैंने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन करके,
मेरे मन में सुख भर आया।

तेरे नाम का सुमिरन करके,
मेरे मन में सुख भर आया,
तेरी कृपा को मैंने पाया,
तेरी दया को मैंने पाया,
तेरे नाम का सुमिरन करके,
मेरे मन में सुख भर आया।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)


एकादशी स्पेशल भजन || तेरे नाम का सुमिरन करके || Tere Naam Ka Sumiran || Bhawna Swaranjali

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