विधाता अजब लिखी तक़दीर भजन लिरिक्स Vidhata Ajab Likhi Takdir Lyrics

विधाता अजब लिखी तक़दीर भजन लिरिक्स Vidhata Ajab Likhi Takdir Lyrics, Devotional Bhajan by Singer ▹Meenakshi Mukesh

विधाता अजब लिखी तक़दीर,
होना था अभिषेक राम का,
वन को गए रघुवीर,
विधारा अजब लिखी तकदीर।

हरिश्चंद्र था दानी दाता,
खाली ना कोई द्वार से जाता,
क़िस्मत ने क्या खेल रचाया,
बन गए आज फ़कीर,
विधारा अजब लिखी तकदीर।

नीर भरण श्रवण जब पहुँचे,
लागा तीर प्राण जब छूटे,
अंत समय में मात पिता को,
पिला सका ना नीर,
विधारा अजब लिखी तकदीर।

द्रोपदी पाँच पतिन की नारी,
सबने गर्दन नीचे डारी,
भरी सभा में लाज उतारी,
कृष्ण बढ़ा रहे चीर,
विधारा अजब लिखी तकदीर।

विधाता अजब लिखी तक़दीर,
होना था अभिषेक राम का,
वन को गए रघुवीर,
विधारा अजब लिखी तकदीर।

भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)

भजन श्रेणी : विविध भजन/ सोंग लिरिक्स हिंदी Bhajan/ Song Lyrics



विधाता अजब लिखी तकदीर | अवध बिहारी श्री राम जी का सुंदर भजन | Shri Ram Bhajan | Shri Ram Bhakti

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Vidhata Ajab Likhi Taqadir,
Hona Tha Abhishek Ram Ka,
Van Ko Gae Raghuvir,
Vidhara Ajab Likhi Takadir.

Harishchandr Tha Dani Data,
Khali Na Koi Dvar Se Jata,
Qismat Ne Kya Khel Rachaya,
Ban Gae aj Fakir,
Vidhara Ajab Likhi Takadir.

Nir Bharan Shravan Jab Pahunche,
Laga Tir Pran Jab Chhute,
Ant Samay Mein Mat Pita Ko,
Pila Saka Na Nir,
Vidhara Ajab Likhi Takadir.

Dropadi Panch Patin Ki Nari,
Sabane Gardan Niche Dari,
Bhari Sabha Mein Laj Utari,
Krshn Badha Rahe Chir,
Vidhara Ajab Likhi Takadir.

Vidhata Ajab Likhi Taqadir,
Hona Tha Abhishek Ram Ka,
Van Ko Gae Raghuvir,
Vidhara Ajab Likhi Takadir.
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