वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है भजन

वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है भजन

बिन पानी के नाव खे रहा है,
बिन पानी के नाव खे रहा है,
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है।

भूखे उठते है पर, भूखे सोते नहीं,
दुःख आते है हम पर तो रोते नहीं,
भूखे उठते है पर, भूखे सोते नहीं,
दुःख आते है हम पर, तो रोते नहीं,
दिन रात खबर ले रहा है,
दिन रात खबर ले रहा है,
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है।

मेरा छोटा सा घर महलों का राजा है वो,
मेरी औक़ात क्या महाराजा है वो,
मेरा छोटा सा घर महलों का राजा है वो,
मेरी औक़ात क्या महाराजा है वो,
फिर भी साथ, मेरे रह रहा है,
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है।

बनवारी दीवाने बड़े से बड़े
इनके चरणों में कंकर के जैसे पड़े
फिर भी अर्ज़ी मेरी सुन रहा है,
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है।

बिन पानी के नाव खे रहा है,
बिन पानी के नाव खे रहा है,
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)




Naseebo Se Zyada De Raha Hai | वो नसीबो से ज़ादा दे रहा है | Raj Pareek New Shyam Bhajan 2022

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