आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे भजन
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे तुमसे मिलने को भजन
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
दुनिया की फ़िक्र है ना,
किसी का है डर मुझे,
बस एक तमन्ना है कि,
मैं देख लूँ तुझे,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
आते हैं लोग आपके,
दीदार के लिए,
नज़र-ए-करम तो कर दो,
बीमार के लिए,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
हम तो कभी किसी का,
बुरा सोचते नहीं,
हमसे न जाने क्यों,
ये ज़माना ख़िलाफ़ है,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
अपने दरबार से कुछ,
भीख दया की दे दो,
जिसलिए लोग तेरे,
दर पे चले आते हैं,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
तुम्हारे दर पे मैं,
फ़रियाद लेके आया हूँ,
तुम्हें सुनाने को,
पैग़ाम संग मैं लाया हूँ,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
दरबार से उनके कोई,
ख़ाली नहीं गया,
मायूस होके दर से,
सवाली नहीं गया,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
हम सबका, मेरी मैया,
ऐसा नसीब हो,
जब जब तुझे पुकारे,
वो तेरे क़रीब हो,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
दुनिया की फ़िक्र है ना,
किसी का है डर मुझे,
बस एक तमन्ना है कि,
मैं देख लूँ तुझे,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
आते हैं लोग आपके,
दीदार के लिए,
नज़र-ए-करम तो कर दो,
बीमार के लिए,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
हम तो कभी किसी का,
बुरा सोचते नहीं,
हमसे न जाने क्यों,
ये ज़माना ख़िलाफ़ है,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
अपने दरबार से कुछ,
भीख दया की दे दो,
जिसलिए लोग तेरे,
दर पे चले आते हैं,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
तुम्हारे दर पे मैं,
फ़रियाद लेके आया हूँ,
तुम्हें सुनाने को,
पैग़ाम संग मैं लाया हूँ,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
दरबार से उनके कोई,
ख़ाली नहीं गया,
मायूस होके दर से,
सवाली नहीं गया,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
हम सबका, मेरी मैया,
ऐसा नसीब हो,
जब जब तुझे पुकारे,
वो तेरे क़रीब हो,
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
आया हूँ मैया दर पे तुम्हारे,
सब कुछ मैं अपना छोड़के,
तुमसे मिलने को।।
Aaya Hu Maiya Tumse Milne ko- आय़ा हु मैया तुमसे मिलने को- Avinash Jhankar - 2024
songe: aaya hu maiya tumse milne ko
(आया हूँ मैया तुमसे मिलने को)
Singer: Avinash jhankar
Lyrics: Chandar bharti jii