गौरा ढूंढ रही किसी ने मेरा भोला देखा लिरिक्स Gora Dhundh Rahi Lyrics, Shiv Bhajan by Upasana Mehata Ji
गौरा ढूंढ रही,किसी ने मेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रही,
किसी ने मेरा भोला देखा,
किसी ने मेरा भोला देखा,
किसी ने मेरा भोला देखा।
गौरा तेरे भोला को, काशी में देखा,
काशी मे देखा, काशी मे देखा,
भांग चबाते हुए,
ओ गौरा तेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रहीं,
किसी ने मेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रहीं,
किसी ने मेरा भोला देखा।
गौरा तेरे भोला को, हरिद्वार में देखा,
हरिद्वार में देखा, हरिद्वार मे देखा,
गंगा बहाते हुए,
ओ गौरा तेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रहीं,
किसी ने मेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रहीं,
किसी ने मेरा भोला देखा।
गौरा तेरे भोला को, प्रयाग में देखा,
प्रयाग में देखा, प्रयाग में देखा,
डमरु बजाते हुए,
ओ गौरा तेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रहीं,
किसी ने मेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रहीं,
किसी ने मेरा भोला देखा।
गौरा तेरे भोला को, कैलाश में देखा,
कैलाश में देखा, कैलाश में देखा,
समाधी में लीन हुये,
ओ गौरा तेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रहीं,
किसी ने मेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रहीं,
किसी ने मेरा भोला देखा।
गौरा ढूंढ रही,
किसी ने मेरा भोला देखा,
गौरा ढूंढ रही,
किसी ने मेरा भोला देखा,
किसी ने मेरा भोला देखा,
किसी ने मेरा भोला देखा।
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