जब से तेरी चौखट पे मैंने सर को झुकाया है लिरिक्स Jab Se Teri Choukhat Lyrics

जब से तेरी चौखट पे मैंने सर को झुकाया है लिरिक्स Jab Se Teri Choukhat Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Singer& Writer:  Kishori Dass Kanishk Bhaiya

जब से तेरी चौखट पे, मैंने सर को झुकाया है,
मेरा मुरझाया जीवन, फिर से मुसकाया है,
जब से तेरी चौखट पे, मैंने सर को झुकाया है,
मेरा मुरझाया जीवन, फिर से मुसकाया है।

मैं हार गया होता, तेरा साथ जो ना मिलता,
मैं हार गया होता, तेरा साथ जो ना मिलता।

ऐ कन्हैया, इस दुनिया ने हमको क्या ना दिखाया,
बदनाम कर के जगत में हंसाया,
जब सब ने ही अपना हाथ छुड़ाया,
तो तूने ही आकर गले से लगाया,
मैं हार गया होता, तेरा साथ जो ना मिलता,
मैं किस को सुना पाता, वो हाल मेरे दिल का,
जब से तुने मुझको, सीने से लगाया है,
मेरा मुरझाया जीवन, फिर से मुसकाया है,
जब से तेरी चौखट पे, मैंने सर को झुकाया है,
मेरा मुरझाया जीवन, फिर से मुसकाया है।

जो दिल में बसते थे, दिल उसने तोड़ दिया,
श्याम प्यारे, देखे हैं मैंने जग के नज़ारे,
सब मतलब के रिश्ते हैं, झूठे हैं सारे,
लगाकर गले से खंजर ही मारें,
मैं जी रहा हूं तेरे सहारे,
ना कोई तमन्ना थी, ना कोई सहारा था,
ना कोई तमन्ना थी, ना कोई सहारा था।

हे कन्हैया, भरोसा किया था जिस पर भी मैंने,
उसने ही है मेरे दिल को दिखाया,
खा खा के ठोकर समझा हूं अब मैं,
इक तू है अपना जगत है पराया,
ना कोई तमन्ना थी, ना कोई सहारा था,
कोई  पानी ना पूछे, ऐसा भी नजारा था,
किशोरी दास कहे जग से, तुने अपना बनाया है,
मेरा मुरझाया जीवन, फिर से मुसकाया है।

जब से तेरी चौखट पे, मैंने सर को झुकाया है,
मेरा मुरझाया जीवन, फिर से मुसकाया है,
जब से तेरी चौखट पे, मैंने सर को झुकाया है,
मेरा मुरझाया जीवन, फिर से मुसकाया है।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)



जबसे तेरी चौखट पे मैंने सर को झुकाया | Shyam Bhajan Jabse Teri Chaukhat Pe | Kishori Dass Kanishk

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