मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै,
मेरी सासू तारण आई,
के बहु तो शेर जवान सै।
बहू सहज सहज डंग धरिये,
म्हारी ऊंची नीची गाल सै,
बैठण ने पीढ़ा घाल्या,
थाली में टीकड़ चार सै,
सासु टीकड़ क्यूं कर खाऊं,
मने फुल्के खान की बाण सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै।
बहू बख्ते उठ के पीस ले,
म्हारे जमीदारे का काम सै,
सासु पिस्या कोनी जाव,
चाक्की का भारया पाट सै,
बहू बांदी क्यों ना लाई,
तेरा बाबुल साहूकार सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै।
मेरा बडला बीर पटवारी,
छोटला तो थानेदार सै,
सासु बांदी चार ले आऊं,
तेरा बेटा असल गंवार सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै।
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै,
मेरी सासू तारण आई,
के बहु तो शेर जवान सै।
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै,
मेरी सासू तारण आई,
के बहु तो शेर जवान सै।
बहू सहज सहज डंग धरिये,
म्हारी ऊंची नीची गाल सै,
बैठण ने पीढ़ा घाल्या,
थाली में टीकड़ चार सै,
सासु टीकड़ क्यूं कर खाऊं,
मने फुल्के खान की बाण सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै।
बहू बख्ते उठ के पीस ले,
म्हारे जमीदारे का काम सै,
सासु पिस्या कोनी जाव,
चाक्की का भारया पाट सै,
बहू बांदी क्यों ना लाई,
तेरा बाबुल साहूकार सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै।
मेरा बडला बीर पटवारी,
छोटला तो थानेदार सै,
सासु बांदी चार ले आऊं,
तेरा बेटा असल गंवार सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै।
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै,
मैं बैठ जहाज में आई,
मेरी साड़ी का रंग लाल सै,
मेरी सासू तारण आई,
के बहु तो शेर जवान सै।
भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)
हरियाणवी गीत | मैं बैठ जहाज में आई मेरी साड़ी का रंग लाल सै | Haryanvi Geet | Meenakshi Mukesh
Author - Saroj Jangir
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