तेरे नाम से जानी जाऊं, वो पहचान चाहिए, मुझे भी श्याम की बेटी, होने का मान चाहिए, तेरे नाम से जानी जाऊं, वो पहचान चाहिए, मुझे भी श्याम की बेटी, होने का मान चाहिए, मुझे भी खाटू वाले की, बेटी का मान चाहिए।
दर्शन चाहूं सदा, श्याम गुण गाऊं मैं, तेरे दरबार की बाबा, पहरी बन जाऊं मैं, बस छोटा सा ये तेरा, एहसान चाहिए, मुझे भी श्याम की बेटी, होने का मान चाहिए, मुझे भी खाटू वाले की, बेटी का मान चाहिए।
हारे का सहारा तू, मैं बेसहारा हूं, तूफानों में है कश्ती, आ दे किनारा तूं, जैसे गले लगाया सबको, वो परवान चाहिए, मुझे भी श्याम की बेटी, होने का मान चाहिए, मुझे भी खाटू वाले की, बेटी का मान चाहिए।
तू कृष्ण दुलारा है, तू शीश का दानी है, भरोसा तेरा ऐसा, कोई जाये ना खाली है, प्रेमियों को बस तेरा, गुणगान चाहिए, राजू को तो बस तेरा, गुणगान चाहिए, मुझे भी श्याम की बेटी, होने का मान चाहिए, मुझे भी खाटू वाले की, बेटी का मान चाहिए।
तेरे नाम से जानी जाऊं, वो पहचान चाहिए, मुझे भी श्याम की बेटी, होने का मान चाहिए, तेरे नाम से जानी जाऊं, वो पहचान चाहिए, मुझे भी श्याम की बेटी, होने का मान चाहिए, मुझे भी खाटू वाले की, बेटी का मान चाहिए।