निर्धन के घर भी आओ गजानन लिरिक्स Nirdhan Ke Ghar Bhi Aao Lyrics, Ganesh Bhajan by Singer ▹Kajal Malik
निर्धन के घर भी आओ गजाननजोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ गजानन
जोडूं मैं हाथ।
गौरा मां के राज दुलारे,
शिव शंकर की आंख के तारे,
सब गणों के नाथ कहाओ,
गजानंद जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ।
विघ्न हरण मंगल के दाता,
सब के हो तुम भाग्य विधाता,
भटके को राह दिखाओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ।
एकदंत चतुर्भुज धारी,
मूसे से की है तेरी सवारी,
लड्डूवन का भोग लगाओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ।
गणपति घनपति नाम तुम्हारे,
नन्दी भृंगी गणों के प्यारे,
भक्तों का कष्ट मिटाओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ।
सूंड सुंडाला काया धारी,
सबसे पहले पूजा तुम्हारी,
तुम एकदंत कहलाओ,
गजानंद जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ।
मांगे राम मुआने वाला,
तेरे नाम की जपता माला,
सरोज का मान बढ़ाओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ।
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ,
गजानन जोडूं मैं हाथ।
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