कौन हैं जिसके बिन रहते, श्री कुंज बिहारी आधे, कौन हैं जिसके बिन रहते, श्री कुंज बिहारी आधे, सुनके रुकमणी, गोविन्द मुख से राधे राधे नाम, रुकमणी मन ही मन पछताये, रुकमणी मन ही मन पछताये।
जब जब करते कृष्ण कन्हाई, राधा के गुणगान, जब जब करते कृष्ण कन्हाई, राधा के गुणगान, मन ही मन आभास करे, हर इक रानी अपमान, मन ही मन आभास करे, हर इक रानी अपमान, सूर्य ग्रहण पर एक दिवस, सिद्धाश्रम आई राधे, जब करती स्नान राधिके,
देखे सब इतराके, कहे रानियों से गिरधर, राधा गोकुल की रानी, करे ईर्ष्या दाह सभी, बदला लेने की ठानी, लेंगें प्रेम परीक्षा हम, राधा को महल बुलाके, सुनके रुकमणी, गोविन्द मुख से राधे राधे नाम, रुकमणी मन ही मन पछताये, रुकमणी मन ही मन पछताये।
कृष्ण महल में आई राधिके, जब आग्रह के आगे, कहती हरि दर्शन बिन, मैंने अन्न श्रृंगार ही त्यागे, कहे रुकमणी राधे से, ऐसा काहे को जियो, भोजन अगर स्वीकार नहीं, थोड़ा सा दूध ही पियो,
Khatu Shyam Ji Bhajan Lyrics in Hindi,Krishna Bhajan Lyrics Hindi
तब राधे ने सबका ही कहना, स्वीकार किया है, गर्म दूध जब रुकमण के, हाथों से स्वयं पिया है, कुछ भी ना कह पाये कन्हैया, तत्क्षण भी अकुलाके, सुनके रुकमणी, गोविन्द मुख से राधे राधे नाम, रुकमणी मन ही मन पछताये, रुकमणी मन ही मन पछताये।
रात्री पहर जब गये कन्हाई, करने को विश्राम, रात्री पहर जब गये कन्हाई, करने को विश्राम, मगर एक क्षण भी ना तन को, दे पाये आराम, मगर एक क्षण भी ना तन को, दे पाये आराम, करके वो संकेत रुकमणी से,
गिरधारी बोले, दूध उबलता पीये राधिके, सीने में पड़ गये छाले, कारण इसका कहे कन्हाई, प्यार भरे वचनों से, अपना तन मन बांटा, राधे ने मेरे चरणों से, अचल रह गए चुप सारे, निश्छल प्रेम के आगे, सुनके रुकमणी, गोविन्द मुख से राधे राधे नाम, रुकमणी मन ही मन पछताये, रुकमणी मन ही मन पछताये।
कौन हैं जिसके बिन रहते, श्री कुंज बिहारी आधे, कौन हैं जिसके बिन रहते, श्री कुंज बिहारी आधे, सुनके रुकमणी, गोविन्द मुख से राधे राधे नाम, रुकमणी मन ही मन पछताये, रुकमणी मन ही मन पछताये।
Kaun Hain Jisake Bin Rahate, Shri Kunj Bihari adhe, Kaun Hain Jisake Bin Rahate, Shri Kunj Bihari adhe, Sunake Rukamani, Govind Mukh Se Radhe Radhe Nam, Rukamani Man Hi Man Pachhataye, Rukamani Man Hi Man Pachhataye.