शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव लिरिक्स Shiv Ji Ke Damaru Lyrics, Shiv Bhajan by Sarala Dahiya Ji
शिव जी के डमरू से निकला,शिव जी के डमरू से निकला,
रघुपति राघव राजा राम,
नारद की वीणा से निकला,
पतित पावन सीताराम,
नारद की वीणा से निकला,
पतित पावन सीताराम,
शिव जी के डमरू से निकला,
शिव जी के डमरू से निकला,
रघुपति राघव राजा राम।
शबरी के बैरों से निकला,
शबरी के बैरों से निकला,
भाव के भूखे हैं भगवान,
शबरी के बैरों से निकला,
भाव के भूखे हैं भगवान,
भक्त प्रह्लाद के मुख से निकला,
तुझमें राघव मुझमें राम,
शिव जी के डमरू से निकला,
शिव जी के डमरू से निकला,
रघुपति राघव राजा राम,
नारद की वीणा से निकला,
पतित पावन सीताराम।
बृज की कुंज गली से निकला,
जय गुरु दाता जय गुरु नाम,
चार वेद छह शास्त्र पुकारे,
हरि ओम हरि ओम सीताराम,
शिव जी के डमरू से निकला,
रघुपति राघव राजा राम,
नारद की वीणा से निकला,
पतित पावन सीताराम।
अर्जुन के गांधिव से निकला,
जय मधुसूदन जय घनश्याम,
द्रोपदी की आह से निकला,
भक्त के रक्षक हे भगवान,
शिव जी के डमरू से निकला,
रघुपति राघव राजा राम,
नारद की वीणा से निकला,
पतित पावन सीताराम।
शंकर के डमरू से निकला,
रघुपति राघव राजा राम,
शिव जी के डमरू से निकला,
रघुपति राघव राजा राम,
नारद की वीणा से निकला,
पतित पावन सीताराम,
शिव जी के डमरू से निकला,
रघुपति राघव राजा राम।
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