सिर के ऊपर मटकी धर के यमुना तट लिरिक्स Sir Ke Upar Mataki Lyrics

सिर के ऊपर मटकी धर के यमुना तट लिरिक्स Sir Ke Upar Mataki Lyrics, Krishna Bhajan by Sheela Kalson

सिर के ऊपर मटकी धर के,
यमुना तट पे आई है,
जल भरण देवकी आई है,
सिर के ऊपर मटकी धर के,
यमुना तट पे आई है,
जल भरण देवकी आई है।

यमुना तट पर बहन जो मिल गई,
छाती के लग रोई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

के दुख है तोहे सास ननद का,
के बालम नै धमकाई है,
जल भरण देवकी आई है, 
जल भरण देवकी आई है।

ना दुख मोहे सास ननद का,
ना बालम नै धमकाई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

एक दुख है मोहे कोख भरण का,
जनमत बांझ कहाई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।
 
सात सात तूने बेटे जाए,
फिर क्यूं बांझ कहाई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

अबके बहन तेरे बेटा होज्या,
गोकुल दे पहुंचाई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

अबके बहन तेरे होवे कन्हैया,
गोकुल दे पहुंचाई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

जब कान्हा की पीड़ उठी है,
हो गई रात अंधेरी है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

जब कान्हा ने जन्म लिया है,
झुक आई रात अंधेरी है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

नंद के आनंद भयो,
जय कन्हैया लाल की,
हाथी घोड़ा पालकी,
जय कन्हैया लाल की।

लावो दिवला देखो ललना,
सुंदर कृष्ण कन्हाई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

मोटी मोटी अखियां,
माथे पे मणियां,
सुंदर कृष्ण कन्हाई है,
जल भरण देवकी आई है।
 
लाओ डलिया डालो ललना,
गोकुल दे पहुंचाई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

ले वासुदेव चले गोकुल में,
चढ़ आई यमुना माई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

जब कान्हा ने पैर निकला,
उतार आई यमुना माई है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

नंद भी सोये यशोदा भी सोये,
पास पड़ी एक कन्या रोये,
कान्हा को सुलाया,
कन्या को उठाया,
वासुदेव घर आए हैं,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

कंस जले को पता लगा जब,
पत्थर पर दे मारी है,
जल भरण देवकी आई है,
जल भरण देवकी आई है।

आधे अंग की बनी बिजली,
आधे की देवी माई है,
जल भरण देवकी आई है,
 जल भरण देवकी आई है।

तेरा मारनियां गोकुल जा लिया,
क्यों अभिमान दिखाई है,
जल भरण देवकी आई है,
 जल भरण देवकी आई है।

सिर के ऊपर मटकी धर के,
यमुना तट पे आई है,
जल भरण देवकी आई है,
सिर के ऊपर मटकी धर के,
यमुना तट पे आई है,
जल भरण देवकी आई है।


भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)


कृष्ण जन्म | सिर के ऊपर मटकी धर के जल भरण देवकी आयी है | Krishna Bhajan |Sheela Kalson (With Lyrics)

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