अपने सूर्य स्वयं बन जाओ
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ,
बुझ न सके वो चिराग़ जलाओ,
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ।
तुम हो दिव्य शक्ति के स्वामी,
बनो अग्रणी नहीं अनुगामी,
अपने ही अनुभव के बल पर,
सृजन आधार बनाओ,
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ।
चलो न मिटते पदचिन्हों पर,
रुको न विघ्नों बाधाओं पर,
नित्य नए आलोक रश्मि से,
अपनी प्रतिभा जगाओ,
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ।
जहां पर ब्रम्हज्ञानी जाते हैं,
त्याग तपस्या अपनाते हैं,
जागो अपने पौरुष से तुम,
अंतर दीप जलाओ,
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ।
बुझ न सके वो चिराग़ जलाओ,
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ।
तुम हो दिव्य शक्ति के स्वामी,
बनो अग्रणी नहीं अनुगामी,
अपने ही अनुभव के बल पर,
सृजन आधार बनाओ,
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ।
चलो न मिटते पदचिन्हों पर,
रुको न विघ्नों बाधाओं पर,
नित्य नए आलोक रश्मि से,
अपनी प्रतिभा जगाओ,
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ।
जहां पर ब्रम्हज्ञानी जाते हैं,
त्याग तपस्या अपनाते हैं,
जागो अपने पौरुष से तुम,
अंतर दीप जलाओ,
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ।
अपने सूर्य स्वयं बन जाओ Prerak Geet
इस भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों (Bhajan With Lyrics in Text) को भी देखें. अपने सूर्य स्वयं बन जाओ, बुझ न सके वो चिराग जलाओ... (भजन) | Swami Ramdev
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
