बालाजी थारी चाकरी भजन
अरे धन दौलत की नही जरूरत
जिब तूँ मेरे सागे सै,
बाबा तेरी चाकरी मन्ने,
ठाकरी सी लागे सै
पहलां जिब मैं आई सालासर ,
देख्या खुब नजारा था,
देख्या तेरा रूप सलूणा,
मन म खुब विचारा था,
इब बनया तेरे ते प्रेम ईसा,
पिछान पुरानी लागे सै
दुनिया की मन्ने करी चाकरी,
पर ना कोय बात बनी,
एक मनाऊँ दुसरा रूसे,
या के मेरे गेल्याँ बनी,
इब नही जरूरत मन्ने किसे की,
मेरा मन तेरेै ते लागे सै
देख क मेरे ठाठ निराले,
सबके मन म आवे सै,
के मिलग्या रे तन्ने सुनीता,
जो तू इतना गावे सै,
तुलसी बोल्या तेरा सुत्या,
भाग अड़े ही जागे सै
अरे धन दौलत की नही जरूरत
जिब तूँ मेरे सागे सै,
बाबा तेरी चाकरी मन्ने,
ठाकरी सी लागे सै
बालाजी थारी चाकरी भजन लिरिक्स Balaji Thari Chakari Lyrics बालाजी थारी चाकरी: बालाजी का प्यारा भजन|
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