भक्ति की मांग लेके द्वार तेरे आया

भक्ति की मांग लेके द्वार तेरे आया

भक्ति की मांग ले के,
द्वार तेरे आया,
प्यार का गुरू जी,
मैं उपहार ले के आया,
भक्ति की मांग ले के,
द्वार तेरे आया,
प्यार का गुरू जी,
मैं उपहार ले के आया।

नहीं कुछ पास मेरे,
जो सेवा में लाऊं,
क्या चीज दे के सतगुरु,
तुझको रिझाऊं,
श्रद्धा के फूल,
दो चार लेके आया,
प्यार का गुरू जी,
मैं उपहार लेके आया।

दिल की लगन,
की तार न टूटे,
सब कुछ छूटे,
तेरा प्यार ना छूटे,
दिल में यही,
इकरार लेके आया,
प्यार का गुरू जी,
मैं उपहार लेके आया।

माया के बंधन से,
मुझको छुड़ा दो,
जीव के वैरी सब,
मार मिटादो,
तेरे हज़ूर मैं,
पुकार लेके आया,
प्यार का गुरू जी,
मैं उपहार लेके आया।

शरण पड़ा है तेरे,
दासनदास जी,
किसी और पर ना,
मुझे विश्वास जी,
दर्शन की दिल में,
आस ले के आया,
प्यार का गुरू जी,
मैं उपहार लेके आया।

भक्ति की मांग ले के,
द्वार तेरे आया,
प्यार का गुरू जी,
मैं उपहार ले के आया,
भक्ति की मांग ले के,
द्वार तेरे आया,
प्यार का गुरू जी,
मैं उपहार ले के आया।


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