भारत गौरव गान लिरिक्स Bharat Gourav Gaan Lyrics
8 ऋषि-मुनि
जहां हुए ऋषि अग्रि, वायु,
आदित्य, अंगिरा श्रुति ज्ञानी,
जहां हुए ऋषि व्यास, वाल्मिक,
जिनकी कृति जगती जानी।
जहां हुए भृगु, वशिष्ट,
विश्वामित्र अत्रि ऋषि संज्ञानी,
जहां हुए ऋषि भरद्वाज शुक,
अगस्त से ऋषि विज्ञानी।
जहां हुए ऋषि परशुराम,
दुर्वासा सम स्वाभिमानी,
जहां हुए ऋषि पाणिनी, जैमिनी,
ऋषि पिपलाद प्रभु ध्यानी।
मार्कण्डेय, मरीची और,
ऋषि नारद वक्ता नभ वाणी,
जहां हुए ऋषि कौशिक,
शौनक, यमाचार्य सम वर दानी।
गौतम, कपिल, कणाद,
पतंजलि थे जहां ऋषि विद्वान,
है भूमण्डल में भारत देश महान।
9 देवगण
जहां हुए हैं ब्रह्मा, विष्णु,
महादेव प्रिय शिवशङ्कर,
जहां हुए हैं राम, कृष्ण,
और परशुराम से योगीश्वर।
जहां हुए मनु, याज्ञवल्क्य,
जनक वैश्यम्पायन श्रुतिवर,
जहां हुए रुक्मांगद, अर्लक,
मयूरध्वज वसुदेव सुघर।
जहां हुए प्रिय भूप अष्वपति,
रन्तिदेव याचक सुखकर,
जहां हुए नृप दिलीप,
सम गोरक्षक, गोपालक प्रियवर।
जहां हुए सुतपुत्र महा पृथु,
पुरुरघु अज सम नृप सुन्दर,
जहां हुए बलि, हरिश्चन्द्र, शिबि,
करण, दधीचि सुदानेश्वर।
जहां हुए नृप इन्द्र, सन्तनु,
पाण्डु महा बलवान,
है भूमण्डल में भारत देश महान।
10 बालगण
जिनके नन्हें मुन्हें बालक भी,
जग में रणधीर हुए,
ध्रुव, प्रहलाद, श्रवण, लव, कुश,
अभिमन्यु, रोहित वीर हुए।
जिनके सर से रण में,
पैदा पावक, नीर, समीर हुए,
महारथी भी जिनके,
आगे भागे और अधीर हुए।
मात गर्भ में ही सुन महिमा,
चक्रव्यूह वर वीर हुए,
बालक होकर भी जो,
इतने धीर, वीर गम्भीर हुए।
सनक, सनन्दन, संत, सनातन,
नचीकेता मति धीर हुए,
पूतना को जिसने मारा,
वह भी शिशु यदुवीर हुए।
बाल समय में ही बजरंगी,
पद पाया हनुमान,
है भूमण्डल में भारत देश महान।
जहां हुए ऋषि अग्रि, वायु,
आदित्य, अंगिरा श्रुति ज्ञानी,
जहां हुए ऋषि व्यास, वाल्मिक,
जिनकी कृति जगती जानी।
जहां हुए भृगु, वशिष्ट,
विश्वामित्र अत्रि ऋषि संज्ञानी,
जहां हुए ऋषि भरद्वाज शुक,
अगस्त से ऋषि विज्ञानी।
जहां हुए ऋषि परशुराम,
दुर्वासा सम स्वाभिमानी,
जहां हुए ऋषि पाणिनी, जैमिनी,
ऋषि पिपलाद प्रभु ध्यानी।
मार्कण्डेय, मरीची और,
ऋषि नारद वक्ता नभ वाणी,
जहां हुए ऋषि कौशिक,
शौनक, यमाचार्य सम वर दानी।
गौतम, कपिल, कणाद,
पतंजलि थे जहां ऋषि विद्वान,
है भूमण्डल में भारत देश महान।
9 देवगण
जहां हुए हैं ब्रह्मा, विष्णु,
महादेव प्रिय शिवशङ्कर,
जहां हुए हैं राम, कृष्ण,
और परशुराम से योगीश्वर।
जहां हुए मनु, याज्ञवल्क्य,
जनक वैश्यम्पायन श्रुतिवर,
जहां हुए रुक्मांगद, अर्लक,
मयूरध्वज वसुदेव सुघर।
जहां हुए प्रिय भूप अष्वपति,
रन्तिदेव याचक सुखकर,
जहां हुए नृप दिलीप,
सम गोरक्षक, गोपालक प्रियवर।
जहां हुए सुतपुत्र महा पृथु,
पुरुरघु अज सम नृप सुन्दर,
जहां हुए बलि, हरिश्चन्द्र, शिबि,
करण, दधीचि सुदानेश्वर।
जहां हुए नृप इन्द्र, सन्तनु,
पाण्डु महा बलवान,
है भूमण्डल में भारत देश महान।
10 बालगण
जिनके नन्हें मुन्हें बालक भी,
जग में रणधीर हुए,
ध्रुव, प्रहलाद, श्रवण, लव, कुश,
अभिमन्यु, रोहित वीर हुए।
जिनके सर से रण में,
पैदा पावक, नीर, समीर हुए,
महारथी भी जिनके,
आगे भागे और अधीर हुए।
मात गर्भ में ही सुन महिमा,
चक्रव्यूह वर वीर हुए,
बालक होकर भी जो,
इतने धीर, वीर गम्भीर हुए।
सनक, सनन्दन, संत, सनातन,
नचीकेता मति धीर हुए,
पूतना को जिसने मारा,
वह भी शिशु यदुवीर हुए।
बाल समय में ही बजरंगी,
पद पाया हनुमान,
है भूमण्डल में भारत देश महान।
Bharat Gaurav Gaan Bharat Chalisa
Bharat Gaurav Gaan (Bharat Chalisa)
स्वर एवं संगीत: ब्र. अरुण कुमार "आर्यवीर", आर्यवीर प्रकाशन मुंबई
संगीत सयोजक: श्री कपिल गुप्ता, स्विम मीडिया स्पेक्ट्रम, मुंबई
अर्थ सहयोग: श्री धर्मपाल आर्य, आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट, दिल्ली, श्रीमती रेजिना डिसोझा, मुंबई एवं श्रीमती नीलकमल वढेरा, इंग्लैंड
कवी: स्वर्गीय जगदीशचंद प्रवासी
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कवी: स्वर्गीय जगदीशचंद प्रवासी
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